खाटू में जब जब ग्यारस की, शुभ रात जगाई जाती है।Verified Lyrics  

Khatu Me Jab Jab Gyaras Ki Shubh Raat Jagai Jati Hai

तर्ज – है प्रीत जहाँ की रीत सदा।

खाटू में जब जब ग्यारस की, शुभ रात जगाई जाती है।
बैठा के सामने बाबा को, हर बात बताई जाती है।
खाटू में जब जब ग्यारस की। 1 ।

दरबार में बैठा हर प्रेमी, भजनो से तुम्हे रिझाता है।
तेरी देख रेख में वो अपना, परिवार छोड़ कर आता है
पीछे से तू ही संभाल रहा, यही आस लगाई जाती है।
बैठा के सामने बाबा को, हर बात बताई जाती है।
खाटू में जब जब ग्यारस की। 2 ।

दुनिया में जैसा कही नहीं, यहाँ ऐसा अखाड़ा लगता है
खाटु में जो मस्ती कीर्तन की, इस जग में नगाड़ा बजता है
लाखो भी लुटा कर ना मिलती, यहाँ मुफ्त पिलाई जाती है
बैठा के सामने बाबा को, हर बात बताई जाती है।
खाटू में जब जब ग्यारस की। 3 ।

कितना कुछ पाया है तुमसे, इसका मुझको अंदाज नहीं
मुश्किल से गुजारा होता था, दिन वैसे सचिन के आज नहीं,
जो मांगने से भी ना मिलती, यहां हक़ से वो पाई जाती है।
बैठा के सामने बाबा को, हर बात बताई जाती है।
खाटू में जब जब ग्यारस की। 4 ।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *