मात-पिता सूं दगो करेलाVerified Lyrics
Mata Pita Se Daga Jo Karega
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Singer(गायक): Sukhdev Bharti
॥ दोहा ॥
मात-पिता परमात्मा, पति सेवा गुरु ज्ञान।
इनसे हिल मिल चालिए, वो नर चतुर सुजान॥
मात-पिता सूं दगो करेला, चार जनम दुख पावे।
लख चौरासी फिरे भटकतो, सीधो नरक में जावे रे,
मनवा , इतरो क्यूं इतरावे॥
पेला रे जनम में बणे बलधियो, पकड़ तेली घर लावे।
आँख्या रे थारे पाटो बांध ने, उल्टो चक्कर चलावे रे,
मनवा, इतरो क्यूं इतरावे। मात-पिता सूं दगो करेला…
दूजा जनम में बणेला बन्दरियो पकड़ मदारी घर लावे।
पाप नहीं ओ एक जनम रो, सात जनम दुख पावे रे,
मनवा, इतरो क्यूं इतरावे। मात-पिता सूं दगो करेला…
तीजा जनम में बणेला बकरियो, पकड़ कसाई घर लावे।
उल्टो टेर ने छुरी फेरेला, बें बें कर मर जावे रे,
मनवा, इतरो क्यूं इतरावे। मात-पिता सूं दगो करेला…
चौथा रे जनम में बणेला गधेड़ो, पकड कुम्हार घर लावे।
बिन तोल्यां माथे बोझ धरेला, डण्डा चार लगावे रे,
मनवा, इतरो क्यूं इतरावे। मात-पिता सूं दगो करेला…
बंगलो बणायो तू दौलत कमाई, संचे लोक लुगाई।
माता – पिता बीमारी भुगते, कुण लावे वांरे दवाई।
अड़ी मत ना कर रे भाई, मात – पिता दुख पावे रे मनवा,
मनवा, इतरो क्यूं इतरावे। मात-पिता सूं दगो करेला…