आया सावन झूम के मियां नाचे नो नो तार तेरे दर पे जो भी आवे होवे मालामाल मुझको भी इक वार तेरा प्यार चाहिए भोले तेरी ही मूरत का दीदार चाहिए || तुम्हे कब से पुकारे अब आओ डमरू वाले जल्दी से आके मेरी बिगड़ी जल्दी बना दे बना दे मुझको भी इक बार तेरी
महाकाल की कृपा से सब काम हो रहा है, करता है मेरा बाबा मेरा नाम हो रहा है। महाकाल की कृपा से सब काम हो रहा है॥ तेरी दया से बाबा दुनिया ये चल रही है, हैरान है जमाना मंजिल भी मिल रही है, तेरे नाम का दीवाना संसार हो रहा है। महाकाल की कृपा
भोले नाथ से निराला, गौरीनाथ से निराला, कोई और नहीं,कोई और नहीं। भोला नाथ से निराला, गौरी नाथ से निराला, कोई और नहीं। ऐसा बिगड़ी बनाने वाला, कोई और नहीं॥ उन का डमरू डम डम बोले, अगम निगम के भेद खोले। ऐसा डमरू बजाने वाला, ऐसा भक्तो का रखवाला,कोई और नहीं॥ भोले नाथ से निराला,
बम भोले, बम भोले, बम बम बम यही वो तंत्र है, यही वो मन्त्र है प्रेम से जपोगे तो मिटेंगे सारे गम – बम भोले…. कभी योगी कभी भोगी, कभी बाल ब्रह्मचारी कभी आदि देव, महादेव, त्रिपुरारी कभी शंकर, कभी शम्भू , कभी भोले भंडारी नाम अनंत तोरे जग बिलहारी शिव का नाम लो, सुबह
तेरा पल पल बीता जाए, तूँ जपले ॐ नमः शिवाय – २ शिव शिव तुम हृदय से बोलो, मन मंदिर का परदा खोलो। अवसर खाली ना जाए, तूँ जपले…. यह दुनिया पंछी का मेला, समझो उड़ जाना है अकेला। तेरा तन यह साथ न जाय, तूँ जपले…. मुसाफिरी जब पूरी होगी, चलने की मजबूरी होगी।
ये हैं शंकर भोले-भाले, दर्शन करलो जी। दर्शन करलो, झोली भरलो, पर उतरलो जी। भोला भाला नाम धरा, पर सब जग से न्यारा है। जटा में गंगा सोहे हैं, मस्तक चन्द उजियारा है। ये हैं सब जग के रखवाले, दर्शन करलो जी।।1।। आक धतूरा खाते हैं तन पे रख रमाते हैं। एक हाथ त्रिशूल लिए
थारा डम डम डमरू बाजे रे, बाजे रे, शिव शंकर कैलाश पति संग गौरां नाचे रे। शंकर नाचे गौरां नाचे नाच रहे गणराई। नंदीगण सुर ताल दे रहे ढोलक झांझ बजाई।।1।। कैलाशी काशी के वासी, अजर अमर अविनाशी। भक्तां का दुख फिरे बांटता, कटे यम की फांसी।।2।। महल अटारी जग ने बांटया, आप बन्या बनवासी।
निराले दूल्हे में, मतवाले दूल्हे में सज रहे भोले बाबा निराले दूल्हे में अरे देखो भोले बाबा की अजब है बात चले हैं संग ले कर के भूतों की बरात सज रहे भोले बाबा निराले दूल्हे में भेस निराला, जय हो, पीए भंग का पायला, जय हो सर जटा चढ़ाये, जय हो, तन भसम लगाए,
लिया नाम जिसने भी शिवजी का मन से, उसे भोले शंकर ने अपना बनाया। खुले उस पे सब द्वार शिव की दया के, जो श्रद्धा से भोले के मंदिर में आया॥ हर हर हर महादेव की जय हो। शंकर शिव कैलाशपति की जय हो॥ चलो शिव शंकर के मंदिर में भक्तो, शिव जी के चरणों