जटाधार शिव जटाधार, भोला भंडारी जटाधार, जटा में जिस की गंग विराजे, तेज है माथे चंदा साजे, कान में जिसके कुण्डल साजे, वो करता करता… जटाधार जटाधार शिव जटाधार, भोला भंडारी जटाधार ॐ शिव… गौरा जिसकी जन्मो से दासी, वो भोला है घट घट वासी, जिसके लिए जगत है झांकी, सृष्टि का आधार… जटाधार शिव
दोहा शिव समान दाता नहीं, विपत विदारण हार। लज्या मोरी राखियो, शिव नंदी के असवार॥ शिवजी रम रया पहाड़ा में, गौरा पार्वती के संग। पार्वती के संग शिव, पार्वती के संग॥ शीश पर थाके चाँद बिराजे, गले में सोहे भुजंग। मष्तिष्क पे थाकै जटा बीराजे, ज्यामे रेवे गंग॥ शिवजी रम रया पहाड़ा में… शेर खावे
शिवजी मैं ना होती तो, थाने कुण ब्यावती जी, (थाने कुण ब्यावती जी) थाने कुण ब्यावती जी-२ थाने याद न माखन खाबो, थे तो भांग धतूरा चाबो, थाके तन पर नही कोई गाबो, थाके लारे आयोड़ी लुगाई काई खावती जी। शिवजी मैं ना होती तो, थाने कुण ब्यावती जी, (थाने कुण ब्यावती जी) थाने कुण
आदियोगी, दूर उस आकाश की गहराइयों में, इक नदी से बह रहे हैं आदियोगी, शून्य सन्नाटे टपकते जा रहे हैं, मौन से सब कह रहे हैं आदियोगी, योग के इस स्पर्श से अब, योगमय करना है तन मन, सांस शाश्वत सनन सननन, प्राण गुंजन घनन घननन, उतरे मुझ में आदियोगी, योग धारा छलक छनछन, सांस
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा, शंकर संकट हरना… शिव कैलाशों के वासी, शंकर संकट हरना शंकर संकट हरना। तेरे कैलाशों का अंत ना पाया, अंत बेअंत तेरी माया, ओ भोले बाबा, अंत बेअंत तेरी माया। शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा, शंकर संकट हरना, शंकर संकट हरना। बेल की पत्तीयां, भांग, धतूरा,
हाथ जोड़ के बोली गवरजा हाथ जोड़ के बोली गवरजा तीनो लोक बसाए बसती में तीनो लोक बसाए बसती में आप बसे वीराने में जी आप बसे वीराने में अजी राम भजो जी, राम भजो जी राम भजो जी, राम भजो जी शिव का वंदन किया करो अजी शिव का वंदन किया करो जी बगड़
भोलेनाथ की दीवानी, गौरा रानी लागे गौरा रानी लागे। शिव संग में विराजी तो, महारानी लागे॥ नमः शिवाय महामंत्र से, भोले को मनाया। सुबह शाम आठों याम, शिवजी को ही ध्याया। गौरा मैया की ये लीला, तो सुहानी लागे, शिव संग में विराजी तो, महारानी लागे, भोलेनाथ की दीवानी, गौरा रानी लागे, शिव संग में
दोहा - आग लगी आकाश में, तो झर झर गिरे अंगार, संत न होते जगत में, तो जल मरता संसार। चलती चक्की देखकर, दिया कबीरा रोय, दो पाटन के बीच में, साबुत बचा न कोय। मैं भूल गया रे भजन तेरा करना बाबा, भूल गया रे, मैं भुल गया रे भजन तेरा करना बाबा, भूल
जय हो जय हो शंकरा, (भोलेनाथ शंकरा) आदि देव शंकरा, (हे शिवाय शंकरा) तेरे जाप के बिना, (भोलेनाथ शंकरा) चले ये साँस किस तरह, (हे शिवाय शंकरा) मेरा कर्म तू ही जाने, क्या बुरा है क्या भला तेरे रास्ते पे मैं तो, आँख मूँद के चला तेरे नाम की, जोत ने, सारा हर लिया तमस