श्याम से लौ लगाकर देख, ये तेरे साथ चल देगा। तेरी आँखों का हर आंसू, सांवरा मोती कर देगा।। जिसे ठुकराए जग वाले, उसे मेरा श्याम अपनाता। बना मायत इसे अपना, तुझे बाहों में भर लेगा।। श्याम से लौ लगाकर देख जो जाते खाटू उनसे पूछ, वो जाने महिमा बाबा की। फिरा कर मोरछड़ी पल
Haare Ka Sahara Mera Shyam Hamesa Meri Laaj Rakhata Hai हार के आया मैं जग सारा, तेरी चौखट पर। तुमसे ही है सारी उम्मीदें, तुम ही लोगे खबर। सब कहते है अपने भगत की, श्याम हमेशा पत रखता है। हारे का सहारा मेरा श्याम, हमेशा मेरी लाज रखता है।।। जग से रिश्ता तोड़ दिया है,
तेरह पेड़िया ऊपर म्हारे, श्याम को बंगलो।-2 सारे जग में राज करे है, म्हारो सेठ सावरों। सेठ सावरों जी, म्हारो सेठ सावरों || पहली पेड़ी पग धरताही, मिट जा सब संताप। दूजी तीजी पेड़ी करदे, मैल मना का साफ़। ओ चौथी पेड़ी चढ़ता भूल्या, दुनियादारी को रगड़ो। सारे जग में राज करे है, म्हारो सेठ
Singer Name : singer : Sanjay Mittalओ साँवरे ओ साँवरे , ओ साँवरे ओ साँवरे । तैरेगी नैयाँ बिना माँझी के, जो तू साथ है मेरे। डुबेगी नैया भी किनारे पे, जो तू साथ ना मेरे। ओ साँवरे ओ साँवरे , ओ साँवरे ओ साँवरे ।। जब तुझ सा हो माँझी, काहे को फ़िकर मैं
बिगड़ी सँवारी प्रभु” यह अभिषेक शर्मा जी द्वारा लिखित और रश्मि शर्मा जी द्वारा गाए गए भजन के अंतर्गत यह पंक्तियाँ हैं। यह भजन एक मनमोहक संगीत, भावपूर्ण गायन और मधुर आवाज के साथ हमारे दिल को छू जाएगा। इस भजन में खाटूश्याम जी की प्रेम भरी उपासना है, इसमें भगत भगवान से प्रार्थना करता
हाथ जोड़ कर मांगता हूं, ऐसा हो जनम, तेरे नाम से शुरू, तेरे नाम पे खत्म।। तेरे चलते बनी मेरी पहचान सावरे, वरना गली गली में घूमते. हो हो.. आे, वरना गली गली में घूमते, हम बनके बावरे अब उठेगा तेरी राहो में जो, मेरा हर कदम, तेरे नाम से शुरू… हाथ जोड़ कर मांगता
बात हमारी बड़े पते की, गौर होना चाहिए -2 आ गया फागुन मेला अब तो, शोर होना चाहिए बात हमारी बड़े पते की, गौर होना चाहिए रंग रंगीला खाटू मेला सारे खाटू धाम चलो। सारे खाटू धाम चलो-2 लेकर करके निशान हाथ में सारे बाबा की और बढ़ो तुम बाबा की और बढ़ो -2 इस
ओ श्याम, तेरे दर्शन को तरस रहे हैं हम, तू हमारी आंखों का तारा, हमारी जान। अधूरे हैं हम बिना तेरे, तेरे रंग में रंगे, तेरी आरती में हम धूप बनकर जले। मधुर स्वर में बजती है तेरी मुरली, हमारे दिल को छू जाती है तेरी रागिनी। तेरी चाहत में लीन है हमारी जिंदगी, तेरे
तेरे दर पे आके मुझे क्या मिला है, ये मैं जानता हु या तू जानता है। ज़माने की चल घट, बड़ी बेतुकी है, जिधर देखता हु मैं, उधर सब दुखी है, गिर के दुखो में भी, मैं क्यों सुखी हु, ये मैं जानता हु या, तू जानता है।। चेहरे पे चेहरे, सभी है लगाये, चोट