बृंदाबन का कृष्ण कन्हैया, सब की आँखो का तारा -2 मन ही मन क्यो जले राधिका मोहन तो है सब का प्यारा मन ही मन क्यो जले राधिका मोहन तो है सब का प्यारा बृंदाबन का कृष्ण कन्हैया, सब की आँखो का तारा -2 जमना तट पर नंद का लाला, जब जब रास रचाए रे
हमको मन की शक्ति देना, मन विजय करें, दूसरों की जय से पहले, खुद को जय करें, हमको मन की शक्ति देना, मन विजय करें, दूसरों की जय से पहले, खुद को जय करें, हमको मन की शक्ति देना। भेदभाव अपने दिल से, साफ़ कर सकें (भेदभाव अपने दिल से साफ़ कर सकें) दोस्तों से
भैया मेरे राखी के, बंधन को निभाना भैया मेरे छोटी बहन को, ना भुलाना देखो ये नाता निभाना, निभाना भैया मेरे राखी के, बंधन को निभाना भैया मेरे छोटी बहन को, ना भुलाना, भैया मेरे ये दिन ये त्यौहार ख़ुशी का पावन जैसे नीर नदी का भाई के उजले माथे पे बहन लगाए मंगल टीका
जो बोयेगा वही पायेगा तेरा किया आगे जाएगा सुख-दुःख है क्या फल कर्मों का जैसी करनी वैसी भरनी जो बोयेगा वही पायेगा सबसे बड़ी पूजा है माता पिता की सेवा किस्मत वालों को ही मिलता है ये मौक़ा हाथ से अपने खो मत देना मौक़ा ये खिदमत का जन्नत का दर खुल जाएगा तेरा किया