कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे, निर्धन के घर भी आ जाना। (कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे, निर्धन के घर भी आ जाना) जो रूखा सूखा दिया हमें, कभी उस का भोग लगा जाना॥ कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे, निर्धन के घर भी आ जाना। ना छत्र बना सका सोने का, ना चुनरी घर मेरे तारों
मेरी अखियों के सामने ही रहना, माँ शेरों वाली जगदम्बे। हम तो चाकर मैया तेरे दरबार के, भूखे हैं हम तो मैया बस तेरे प्यार के॥ विनती हमारी भी अब करो मंज़ूर माँ, चरणों से हमको कभी करना ना दूर माँ॥ मुझे जान के अपना बालक सब भूल तू मेरी भुला देना, शेरों वाली जगदम्बे
डूब चलो दिन माई डूब चलो दिन, सांझ भई मन्दिर में डूब चलो दिन॥ काहे के मैया दिवला बनो है, काहे के डारि डोर मोरी मैया, डुब चलो दिन माई डुब चलो दिन॥ सोने के मैया दिवला बनो है, रुबा की डारि डोर मोरी मैया, डुब चलो दिन माई डुब चलो दिन॥ कौना सुहागन दिवरा
जय जय देवी, जय जगजननी, जय जय सरस्वती, माई(2) जय जय भवानी, जय शरबानी, जय त्रिभुवन सुखदाई(2) तेरी माया अनंता अपार, जाको को नहीं पारी जय जय देवी, जय जगजननी, जय जय सरस्वती… हस्तकमल मो वीणा बजावे, जा में सब सुर गायी दूजे हाथ विराजत पुस्तक, वेद श्रुति उपजाई जय जय देवी, जय जगजननी, जय
आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा। दिल ने पुकारा तू है मेरा सहारा माँ॥ शेरां वाली, जोतां वाली, मेहरां वाली माँ। आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा॥ प्रेम से बोलो, जय माता दी। सारे बोलो, जय माता दी। मिल के बोलो, जय माता दी। फिर से बोलो, जय माता दी। मैंने मन से
तुने मुझे बुलाया शेरा वालिये, मैं आया मैं आया शेरा वालिये।।2।। ज्योता वालिये, पहाड़ा वालिये, मेहरा वालिये…….. तुने मुझे बुलाया शेरा वालिये, मैं आया मैं आया शेरा वालिये।।2।। सारा जग है इक बंजारा..।।2।। सब की मंजिल तेरा द्वारा। ऊँचे पर्वत लम्बा रास्ता..।।2।। पर मैं रह ना पाया, शेरा वालिये….. तुने मुझे बुलाया शेरा वालिये, मैं
न मैं मांगू सोना न मैं मांगू चाँदी, जीवन सदा सफल हो मेरा ऐसा वर दो दाती। न मैं मांगू सोना न मैं मांगू चाँदी, ये पाऊ मैं ये भी पाऊ और वो भी मिल जाये, लोभी मन की तृष्णा तो मिटे न लाख मिटाये। लोभ मोह से इस दुनिया में कोई नहीं बच पाया
भगतो को दर्शन दे गयी रे, इक छोटी सी कन्या।।2।। भगतो को दर्शन दे गयी रे, इक छोटी सी कन्या।।2।। भगतो ने पूछा मैया नाम तेरा क्या है, भगतो ने पूछा मैया नाम तेरा क्या है, वैष्णो माँ बता गयी रे, इक छोटी सी कन्या। भगतो को दर्शन दे गयी रे, इक छोटी सी कन्या।।2।।