हेलो म्हारो साम्भळो, रूणीचे रा नाथ।

Helo Mharo Sabhlo Runiche Ra Nath

हेलो म्हारो साम्भळो, रूणीचे रा नाथ।
हुकम होवे तो धणिया, आय जोडू हाथ।
म्हारे हेलो, साम्भळो जियो, जियो, जियो।

देसूरी रो वाणियो, यातरा ने जाय ।
सामी मिळियो चोरटो, वो झूठी सौगन खाय ।
म्हारो हेलो साम्भळो, रूणीचे रा नाथ ।।

डीगी – डीगी झाड़ियाँ ने, मधुरा बोले मोर ।
तीन तो है यातरी ने, चौथो मिळगो चोर ।।
म्हारो हेलो साम्भळो, रूणीचे रा नाथ ।

गेरी गेरी झाड़ियाँ में, विरंगा बोले मोर ।
मार दीनो वाणियाँ ने, धन ले गयो चोर ।।
म्हारो हेलो साम्भळो, रूणीचे रा नाथ ।

ऊभी ऊभी अबळा, करे है पुकार ।
कठीने गयो रे म्हारो, लीले रो असवार ॥
म्हारो हेलो साम्भळो, रूणीचे रा नाथ ।

लीलो लीलो घोड़लो ने, भालो लीनो हाथ ।
सेठाणी री बेल चढ़िया, रूणीचा रा नाथ ॥
म्हारो हेलो साम्भळो, रूणीचे रा नाथ ॥

ऊबो रे तूं चोरटा, कठीने तू जाय ।
बाणिया रो माल तू, कितरा दिन खाय ।।
म्हारो हेलो साम्भळो, रूणीचे रा नाथ ॥

फोड़ दीवी आँखियाँ ने, काढ दीनो कोढ ।
दुनियाँ तो देखण ने बाबा, जीवतो तू छोड़ ॥
म्हारो हेलो साम्भळो, रूणीचे रा नाथ ।।

उठे नी तू सेठाणी, धड़ सूं माथो जोड़ ।
बाणियो उठेला झट, आळस मरोड़ ।
म्हारो हेलो साम्भळो, रूणीचे रा नाथ ॥

गावे दल्लो वाणियो रे, भली राखी टेक ।
गाँव रूणीचा में, ले लीनो भेख ॥
म्हारो हेलो साम्भळो, रूणीचे रा नाथ ॥

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