Author: Ranjana Tanwar

मैं मनावा तेरा लाड़ला गणेश

मैं मनावा तेरा लाड़ला गणेश, मैं मनावा, मैं मनावा, मैं मनावा तेरा लाड़ला गणेश, जिसके सुमिरण से जग वालों, कट जाए सभी कलेश, मैं मनावा तेरा लाड़ला गणेश।। किस लाड़ली ने तोहे, जनम है दीन्हा, किसने दियो उपदेश, ओ लाला, किसने दियो उपदेश, मै मनावा तेरा लाड़ला गणेश, जिसके सुमिरण से जग वालों, कट जाए

मैं थाने सिवरू गजानन देवा

मैं थाने सिवरू गजानन देवा, वचनों रा पालनहारा जी ओ।। श्लोक – सुंडाला दुःख भंजना, सदा जो वालक वेश, सारों पहले सुमरिये, गवरी नन्द गणेश। मैं थाने सिवरू गजानन देवा, वचनों रा पालनहारा जी ओ, सरस्वती मात शारदा ने सिवरू, हिरदे करो नी उजियाला जी ओ, निन्दरा निवारू भोलेनाथ ने, निन्दरा निवारू भोलेनाथ ने।। जननी

मेरे हृदये करो परवेश जी तेरी जय जय जय हो गणेश जी

मेरे हृदये करो परवेश जी, मेरे काटो सकल कलेश जी। श्लोक – पहले गणपति पूज के, पाछे करिये काज, विच सभा दे बेठियाँ, मेरी पत रखियो महाराज। मेरे हृदये करो परवेश जी, हृदये करो परवेश जी, मेरे काटो सकल कलेश जी, मेरे काटो सकल कलेश जी, तेरी जय जय जय हो गणेश जी, तेरी जय

मेरे सारे पलछिन सारे दिन

मेरे सारे पलछिन सारे दिन तरसेंगे सुन ले तेरे बिन तुझको फिर से जलवा दिखाना ही होगा अगले बरस आना है, आना ही होगा तुझको फिर से जलवा दिखाना ही होगा अगले बरस आना है, आना ही होगा देखेंगी तेरी राहे, प्यासी प्यासी निगाहे तो मान ले, तू मान भी ले तू कहना मेरा लौट

मेरे मन मंदिर में तुम भगवान रहे

मेरे मन मंदिर में तुम भगवान रहे, मेरे दुःख से तुम कैसे अनजान रहे।। मेरे घर में कितने दिन मेहमान रहे, मेरे दुःख से तुम कैसे अनजान रहे।। गणपती बाप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ। कितनी उम्मीदे बंध जाती है तुम से, तुम जब आते हो, अब के बरस देखे क्या दे जाते हो,

मेरे घर गणपति जी है आए

मेरे घर गणपति जी है आए, मेरे घर गणपति जी है आए, मैं अपने दुःख को, मैं अपने दुःख को हूँ बिसराये, वो खुशियां अपने साथ है लाए, मेरे घर गणपति जी है आए।। मैं भोग लगाऊं उन्हें मोदक का, मैं भोग लगाऊं उन्हें मोदक का, मैं तिलक करूँ उनको चन्दन का, मेरा मन हरपल यही

मेरे गणनायक तुम आ जाओ मैं तो कबसे बाट निहार रही

मेरे गणनायक तुम आ जाओ, मैं तो कबसे बाट निहार रही, मेरे गणनायक तुम आ जाओ।। मेरी सखियाँ मुझसे पूछे है, कब आएंगे गजमुख बोलो, अब अष्ट विनायक आ जाओ, मैं तो कबसे बाट निहार रही, मेरे गणनायक तुम आ जाओं, मैं तो कबसे बाट निहार रही, मेरे गणनायक तुम आ जाओ।। मन व्याकुल है

मेरा विघ्न हरो महाराज मनु आज

मेरा विघ्न हरो महाराज मनाओ आज गजानंद प्यारा – गिरिजा का लाल दुलारा पहले मैं तुझे मनाता फिर ध्याऊ सारदा माता मेरे कंठ विराजो आये हंस असवार गिरिजा का लाल दुलारा मेरा विघ्न हरो महाराज मनाओ आज गजानंद प्यारा – गिरिजा का लाल दुलारा थारे सोहे मुकुट हजारी और रीढ़ सिद्ध अघ्याकारी थे सब देवन

मंगल मूर्ति हे गणराय-गणपति बाप्पा मोर्य

मंगल मूर्ति हे गणराय-गणपति बाप्पा मोर्य माता पार्वती पिता महादेव -गणपति बाप्पा मोर्य सिद्ध्विनायक मंगल दाता-गणपति बाप्पा मोर्य प्रथम वंदना हर कोई गाता-गणपति बाप्पा मोर्य मोदक प्रिय मेरे मंगल दाता-गणपति बाप्पा मोर्य हर कोई तुझको सीस निवाता-गणपति बाप्पा मोर्य जाके घर हर बरस बिराजे-गणपति बाप्पा मोर्य रिद्धि सिद्धि संग पधारे-गणपति बाप्पा मोर्य शुभ काज जो

तुम जो कृपा करो तो मिट जाये विपदा सारी

1. तुम जो कृपा करो तो मिट जाये विपदा सारी, ओ गौरी सूत गणराजा गणनायक गजमुख धारी॥ तुम हो दया के सागर क्या बात है तुम्हारी, ओ गौरी सूत गणराजा गणनायक गजमुख धारी॥ 2. विघ्नौ को हरने वाले सुख शांति देने वाले, मोह पाश काटते हो तुम भक्ति देने वाले, तुमने रचाई सॄष्टि तुम ने