Author: Ranjana Tanwar

शिवनंदन दीनदयाल हो तुम गणराज तुम्हारी जय होवे

शिवनंदन दीनदयाल हो तुम, गणराज तुम्हारी जय होवे, गणराज तुम्हारी जय होवे, महाराज तुम्हारी जय होवे, शिव नंदन दीन दयाल हो तुम, गणराज तुम्हारी जय होवे।। इक छत्र तुम्हारे सिर सोहे, एकदंत तुम्हारा मन मोहे, शुभ लाभ सभी के दाता हो, गणराज तुम्हारी जय होवे, शिव नंदन दीन दयाल हो तुम, गणराज तुम्हारी जय होवे।।

विनायक दया करो मैं तो जपु सदा तेरा नाम

मैं तो जपु सदा तेरा नाम, विनायक दया करो।। द्वार खड़े है भक्त तुम्हारे, अपनी दया के खोलो द्वारे, पूरण हो सब काम, विनायक दया करो।। भजन कीर्तन गाउँ में तेरा, नित उठ ध्यान में ध्याऊँ तेरा, हे प्रथम पूज्य भगवान, विनायक दया करो।। साधु संत की संगती देना, नाम अपने की रंगती देना, हे गौरीसुत

वन्दे गणपति विघ्नविनाशन

वन्दे गणपति विघ्नविनाशन…4 हे लम्बोदर गजानना रिद्धि सीधी के दाता तुम हो…4 वन्दे गणपति विघ्नविनाशन…2 हे लम्बोदर गजानना हे लम्बोदर गजानना जो ध्यावे वंचित फल पावे..4 आगरा देव तुम्हे वन्दना..2 वन्दे गणपति विघ्नविनाशन…2 हे लम्बोदर गजानना रिद्धि सीधी के दाता तुम हो हे शशि शेखर नंदना वन्दे गणपति विघ्नविनाशन…2 हे लम्बोदर गजानना काम क्रोध मध्

लाल माँ गौरी के लाल शिव शंकर के घर में पधारो आज

लाल माँ गौरी के, लाल शिव शंकर के, घर में पधारो आज, दर्श प्रभु दे जाओ, की मंगल कर जाओ, सुन लो मेरी अरदास, लाल माँ गौरी के, लाल माँ गौरी के।। मेरे घर आज है मंगल कारज, आना जरूर गणराज रे, रिद्धि सिद्धि लाना, गौरी माँ को लाना, भूल ना जाना महाराज रे, पहले

रिद्धि सिद्धि के दाता सुनो गणपति

श्लोक -: सारी चिंता छोड़ दो, चिंतामण के द्वार, बिगड़ी बनायेंगे वही, विनती कर स्वीकार, बड़े बड़े कारज सभी, पल मे करे साकार, बड़े गणपति का है साथ, सच्चा ये दरबार, सिध्द हो हर कामना, सिध्दिविनायक धाम, खजराना मे आन बसे मेरे, शिव गौरी के लाल॥ रिध्दि सिध्धि के दाता सुनो गणपति, आपकी मेहरबानी हमें

रमक झमक कर आवो गजानन

श्लोक – सदा भवानी दाहिनी, सनमुख रहे गणेश, पांच देव रक्षा करे, ब्रम्हा विष्णु महेश।। रमक झमक कर आवो गजानन, रमक-झमक कर आवो गजानन।। आप भी आवो देवा रिद्धि रिद्धि लावो, आप भी आवो देवा रिद्धि सिद्धि लावो, सभा में रंग बरसावो गजानन, रमक-झमक कर आवो गजानन।। सूंड सूंडालो बाबो दुंद दूंदालो, सूंड सूंडालो बाबो

रणत भंवर से आओ हे रिद्धि सिद्धि रा भरतार

रणत भंवर से आओ, हे रिद्धि सिद्धि रा भरतार, संकट हारी हो रही थारी, जग में जय जयकार, रणत भंवर से आओ।। माँ जगदम्बा अम्बा, लाढ़ लढायो, पालने झुलायो थाने, गोद में खिलायो, शिव शंकर भोले को, है पायो प्यार दुलार, संकट हारी हो रही थारी, जग में जय जयकार, रणत भंवर से आओ।। रणत

रख लाज मेरी गणपति

रख लाज मेरी गणपति, अपनी शरण में लीजिए। कर आज मंगल गणपति, अपनी कृपा अब कीजिए॥ रख लाज मेरी गणपति रख लाज मेरी गणपति सिद्धि विनायक दुःख हरण, संताप हारी सुख करण। करूँ प्रार्थना मैं नित्त प्रति, वरदान मंगल दीजिए॥ रख लाज मेरी गणपति, अपनी शरण में लीजिए। कर आज मंगल गणपति, अपनी कृपा अब

म्हारे घर में पधारो प्यारा गणपतजी

विघ्नहरण मंगल करन गौरी सुत गणराज मैं लियो आसरो आपको तो प्रभु रख्यो माहरी लाज म्हारे घर में पधारो प्यारा गनपतजी म्हारे आंगणे पधारो प्यारा गजानंदजी गनपतजी ओ प्यारा गजानंदजी म्हारे घर में पधारो प्यारा गनपतजी म्हारे आंगणे पधारो प्यारा गजानंदजी शिव शंकर को राज दुलारो पार्वती को प्यारो सबसे पहला सुमुरुन थाणे हरदो विघ्न

म्हारा कीर्तन मे रस बरसाओ

म्हारा कीर्तन मे रस बरसाओ बरसाओ आओ जी गजानन आओ। म्हारा कीर्तन मे रस बरसाओ बरसाओ आओ जी गजानन आओ। ॐ गण गणपतये नमो नमः श्री सिद्धिविनायक नमो नमः अष्टविनायक नमो नमः गणपती बाप्पा मोरया रणत भंवर से आओ जी गजानन रिद्धि सिद्धि ने संग प्रभु लाओ। आओ जी गजानन आओ पार्वती के पुत्र गजानन,