Author: Ranjana Tanwar

गजमुख धारी जिसने तेरा सच्चे मन से जाप किया

गजमुख धारी जिसने तेरा सच्चे मन से जाप किया, ऐसे पुजारी का स्वयं तुमने सिध्द मनोरथ आप किया॥ तुझ चरणों की ओर लगन से, जो साधक बन जाता है, सौ क़दम तु चलके दाता, उसको गले लगाता है, अंतरमन के भाव समझ के, काज सदा चुपचाप किया, गजमुख धारी जिसने तेरा सच्चे मन से जाप

कब आओगे प्रभु घर मेरे

कब आओगे प्रभु घर मेरे, तेरी पुजारिन रस्ता देखे कब आओगे प्रभु घर मेरे-2॥ कब आओगे … खड़ी – खड़ी रोज मैँ बाट निहारूँ। बिछाके आसन नित अंगना बुहारूँ॥ चुन-चुनके फूल राह मेँ बिछाये प्यारे-प्यारे॥1॥ कब आओगे प्रभु … कुटिया मेरी चरणोँ से पावन करदो। भक्ति ज्ञान मेरे उर मेँ भर दो॥ भूले क्योँ दासी

ओ संसार बनाने वाले, तेरे जलवे अजब निराले

ओ संसार बनाने वाले, तेरे जलवे अजब निराले खूब कमाल किया है तूने सब को अचरज में है डाले ओ संसार बनाने वाले……… आसमान पर पानी का कहीं मिलता निशां नहीं, मिलता निशान नहीं है, पल में तेरी माया बदले फिर अनुमान नहीं है, फिर अनुमान नहीं है, आए बादल काले –पीले, उमड़ –घुमड़ कर

ओ मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे

श्लोक – विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय, लम्बोदराय सकलाय जगत हिताय, नागाननाय श्रुतियज्ञभूषिताय, गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते।। ओ मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे, भोले बाबा जी की आँखों के तारे, देवा सभा बीच में आ जाना_आ जाना मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे।। तेरी काया कँचन कँचन, किरणों का है जिसमे बसेरा, बाबा सूंड-सुंडाली मूरत, तेरी आँखों मे

ओ गणनायक महाराज

>> श्लोक << ॐ एकदंतम सुर्पकर्णम, गजवक्त्रम चतुर्भुजम, पांशकुश धरम देवम ध्यायेत, सिद्धिविनायकम।। ओ गणनायक महाराज, सुमिरा जोडू दोनों हाथ, गजानंद मैहर करो, गजानन मैहर करो।। एकदंत है दयावंत है, चारो भुजाओ वाले, एकदंत है दयावंत है, चारो भुजाओ वाले, लम्बोदर रिद्धि सिद्धि दाता, विघ्न मिटाने वाले, लम्बोदर रिद्धि सिद्धि दाता, विघ्न मिटाने वाले, लाये

आया हूँ तेरे द्वार पे मैँ सवाली बनके

आया हूँ तेरे द्वार पे मैँ सवाली बनके। आया हूँ तेरे द्वार पे मैँ सवाली बनके। मेरी झोली को तू भरना ऽऽऽ लखदातार बनके॥ आया हूँ … मेरे बाबा मेरे दाता मेरे संग मेँ सदा ही रहना। बदलेगी ये दुनिया पर तुम ना बदलना। नैया मेरी पार करना खेवनहार बनके॥1॥ मेरी झोली … आया हूँ

आओ आओ सावरिया बेगा आओ

आओ आओ सावरिया बेगा आओ, जीमो जी भोग लगाओ, है छप्पन भोग तैयार जी, थारा टाबरिया करे मनुहार जी।। श्लोक- मीठो है नमकीन है बाबा, चरपरो थोड़ो खाटो, सोने की थाली में परोसयो, ढाल चांदी को बाटो, टाबरिया मनुहार करे बाबा, देखूं थे कहीया नाटो, भोग लगाओ श्याम धणी रे, म्हारा बाकि भक्ता ने बांटो।

आओ आओ गजानन आओ

आओ आओ गजानन आओ, आके भक्तों का मान बढ़ाओ।। आओ आओ गजानन आओ, आके भक्तों का मान बढ़ाओ।। ॐ गण गणपतये नमो नमः, श्री सिद्धिविनायक नमो नमः, अष्टविनायक नमो नमः, गणपती बप्पा मोरया। भोले शंकर के पुत्र गजानन, गौरा मैया के पुत्र गजानन, आके भक्तों के मन को भाओ, आके भक्तों का मान बढ़ाओ। आओ

ॐ जय गौरी नंदा प्रभु जय गौरी नंदा

ॐ जय गौरी नंदा, प्रभु जय गौरी नंदा, गणपति आनंद कंदा, गणपति आनंद कंदा, मैं चरणन वंदा, ॐ जय गौरी नंदा।। ◾️ सूंड सूंडालो नयन विशालो, कुण्डल झलकंता, प्रभु कुण्डल झलकंता, कुमकुम केसर चन्दन, कुमकुम केसर चन्दन, सिंदूर बदन वंदा, ॐ जय गौरी नंदा।। ॐ जय गौरी नंदा, प्रभु जय गौरी नंदा, गणपति आनंद कंदा,

​देवा हो देवा गणपति देवा तुमसे बढ़कर कौन

​देवा हो देवा, गणपति देवा, तुमसे बढ़कर कौन, स्वामी तुमसे बढ़कर कौन। और तुम्हारे भक्तजनों में, हमसे बढ़कर कौन, हमसे बढ़कर कौन।। ◾️ अद्भुत रूप ये काया भारी, महिमा बड़ी है दर्शन की, प्रभु महिमा बड़ी है दर्शन की। बिन मांगे पूरी हो जाए, जो भी इच्छा हो मन की प्रभु जो भी इच्छा हो