श्याम बाबा श्याम बाबा दया करो तेरे दास पे, है चारो और अँधेरा सूजे न सवेरा, होर न कोई बाबा तेरे बिन मेरा, श्याम बाबा श्याम बाबा दया करो तेरे दास पे, रोज मुसीबत बाद मुसीबत आती है, मेरी आत्मा पल पल धीर गवाती है, खुद को खुद से ही बाबा मैं खोता हूँ, महफ़िल
ऐसे कैसे तुझसे बाबा, टूटेगा ये रिश्ता पुराना-२ आधा मैं निभाऊं, आधा तुम निभाना, ऐसे कैसे तुझसे बाबा, टूटेगा ये रिश्ता पुराना। तुझे बाबा हम तो, किसी को ना जाने-२ बस तुझे पहचाने, हाथ हाथों से ना छुड़ाना, आधा मैं निभाऊं, आधा तुम निभाना, ऐसे कैसे तुझ से बाबा, टूटेगा ये रिश्ता पुराना। पूजा विधि
पवन उड़ा के ले गयी रे मेरी माँ की चुनरिया, उड़के चुनरिया कैलाश पे पहुची, गौराजी के मन को भा गयी रे, मेरी माँ की चुनरिया। पवन उड़ा के ले गयी रे मेरी माँ की चुनरिया उड़के चुनरिया अयोध्या में पहुची माता सीता के मन को भा गयी रे मेरी माँ की चुनरिया। पवन उड़ा
मंदरिये में आके थारे साँवरा, जाणे को मन कोन्या रे करे, देवरीये में आके थारे साँवरा, जाणे को मन कोन्या रे करे। देसी घी को खाणों बाबा, घणो म्हानें भावे है, खाणे में बाबा म्हाने स्वाद घणों आवे है, पेट भर ज्यावा म्हारा साँवरा, पर मन म्हारो कोन्या रे भरे, मंदरिये में आके थारे साँवरा,
तेरे चरणों में मैं आ गया, हनुमंता करदो दया, तेरे चरणों में मैं आ गया, घबराये मेरा जिया, तेरे चरणों में मैं आ गया, आ गया आ गया तेरे चरणों में मैं आ गया॥ हर पल तुझको मैं याद करता हूँ कोई नाम आता नही। तुम्हारे ही दर से फिर भी मेरे सर से कोई
अवध बिहारी हो, कनक बिहारी हो, हम आए शरण तिहारी हो, गिरिवर धारी आये शरण तिहारी| महा पटकी रहा अजामिल उसे मिला सुरधाम, नारायण आ गए लिया जब पुत्र का अपने नाम। संकट हरि हो आया शरण तिहारी हो, अवध बिहारी हो आये शरण तिहारी हो। जब जल में गजराज में युद्ध हुआ घनघोर, हर
जब सर पे है राम का हाथ, चिंता फिर क्या करना। तेरे संग संग है श्री राम, दुनिया से क्या डरना। जब सर पे है राम का हाथ,चिंता फिर क्या करना। दुःख का सागर ये जीवन, जिसमें है पीड़ा हरदम। राम कृपा से हो जाए खुशहाल मगर पल में तन मन। करे कृपाराम दिन रात
दोहा राम गरीब नवाज हो, पथ के राखन हार, पथ राखी प्रहलाद की, गज की सुनी पुकार। म्हारा राम रघुनाथ, म्हारा राम रघुनाथ, इतरो वर तो दीजो म्हाने, नित उठ जोडु हाथ, इतरो वर तो दीजो म्हाने, नित उठ जोडु हाथ।। आतुनो तो खेत दीजो, बिच में दीजो नाडी नाडी-२ अरे घरवाली ने छोरो दीजो,
जटाधार शिव जटाधार, भोला भंडारी जटाधार, जटा में जिस की गंग विराजे, तेज है माथे चंदा साजे, कान में जिसके कुण्डल साजे, वो करता करता… जटाधार जटाधार शिव जटाधार, भोला भंडारी जटाधार ॐ शिव… गौरा जिसकी जन्मो से दासी, वो भोला है घट घट वासी, जिसके लिए जगत है झांकी, सृष्टि का आधार… जटाधार शिव