श्यामा आन बसो वृद्धावन में, मेरी उम्र बीत गई गोकुल में, श्यामा रस्ते में भाग लगा जाना, फूल भिनु गी तेरी माला के लिए, तेरी बात निहारु कुंजन में, मेरी उम्र बीत गई गोकुल में। श्यामा आन बसो… श्यामा रस्ते में कुआ खुद वा जाना, मैं तो नीर बरु गी तेरे लिए, मैं तो नीर
बालपन हँसखेल गवाँ दिया, मेरी बहना तरुणाई भई है, वे काम, उमर सारी ढर गई। झूट कपट में ऐसी फँस गई, मेरी बहना लिया न मैंने हरिनाम, उमर सारी ढर गई। मानव तन पायौ बड़े भाग्य से, मेरी बहना भक्ति करूँगी निष्काम, उमर सारी ढर गई। दौलत यहीं पर रह जायगी, मेरी बहना साथ न
सात समंदर लांघ के हनुमत लंकानगरी आ गए हनुमत लंकानगरी आ गए। ऐसा किया कमाल देखकर लंकावासी डर गए, सात समंदर लांघ के हनुमत लंकानगरी आ गए। लंकापुर पहुंचे हनुमत जी, किया प्रभु का ध्यान, मात सिया को खोजे पवनसुत लंका में अनजान, असुरों संग बैठी मेरी माँ ये देख क्रोध में आ गए सात
गुरुजी मेरा अवगुण भरा शरीर, बता दो कैसे तारो गे, बता दो कैसे तारो गे(२) गुरुजी मेरा अवगुण भरा शरीर… ना मैं गंगा जमुना नहाई, हर की पौड़ी जा ना पाई, गुरुजी मेरी माडी है तकदीर, बता दो कैसे तारो गे। गुरुजी मेरा अवगुण भरा शरीर… ना मैंने बड़ पीपल सींचे, सब दिन मोह माया
शनि देव है सब का सहारा वो जीवन का सार है, शनि देव है जग के खिवाईया सब के पालनहार है। शनि देव है दुःख निवारक वो ही परमानन्द है, सारे संकट और कष्टों के यहाँ पर रस्ते बंद है। शनि देव है सब का सहारा वो जीवन का सार है, शनि देव है जग
गोकुल में देखो, वृंदावन में देखो, गोकुल में देखो, वृंदावन में देखो, मुरली बाजे रे, श्याम संग राधा नाचे रे… चन्द्र किरण सा श्याम सलोना, दोई आँखे कजरारी, ठुमक ठुमक नाचे, गोपियन के संग, जग का पालनहारी, सार बिहारी संग राधा सुकुमारी, ब्रिज में विराजे रे, श्याम संग राधा नाचे रे… छम छम नाचे राधे
मेरी नैया ये डोलती, इसे किनारा दो, हारा मैं श्याम आके तुम, मुझे सहारा दो, हारा मैं श्याम आके तुम, मुझे सहारा दो।। क्या खता हो गई बता मुझको, अब तो दे खुशियों का पता मुझको, हुआ लाचार ना सता मुझको, बोलते ना तो कम से कम, मुझे इशारा दो, हारा मैं श्याम आके तुम,
हो लगी भवन में भीड़, बालाजी संकट काटो न, हो बाबा, लगी भवन में भीड़, बालाजी संकट काटो न, सुणी होळी पे संकट काटो, सब भक्तां के साटे साटों, मेरे भी दिल ने डाटों (रोको) ने, हो लगी भवन में भीड़, बालाजी संकट काटो न, हो बाबा लगी भवन में भीड़, बालाजी संकट काटो न।