मन धीर धरो, घबराओ नहीं, भगवान मिलेंगे, कभी न कभी -2 मन धीर धरो… फूलों में नहीं, कलियों में नहीं, काँटों में मिलेंगे, कभी न कभीं, मन धीर धरो… सूरज में नहीं, चंदा में नहीं, तारों में मिलेंगे, कभी न कभी, मन धीर धरो… गंगा में नहीं, यमुना में नहीं, सरयू में मिलेंगे, कभी न
जरा ये तो बता घाटे वाले तेरा जलवा कहाँ पर नहीं है नजरो में है तेरा नजारा तेरा रुतबा भी कुछ कम नहीं है जरा ये तो बता घाटे वाले…. आँख वालों ने है तुमको देखा कान वालों ने तुमको सुना है तेरा जलवा उसी ने है देखा जिनकी आँखों पे परदा नहीं है जरा
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से आयी हूँ। मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की जाई हूँ॥ अरे रसिया, ओ मन वासिया, मैं इतनी दूर से आयी हूँ॥ सुना है श्याम मनमोहन, के माखन खूब चुराते हो। उन्हें माखन खिलने को मैं मटकी साथ लायी हूँ॥ सुना है श्याम मनमोहन, के गौएँ
ज़माने की खाई है ठोकर हज़ार, सहारा तेरा सांवरे, हारा हुआ हूँ आया तेरे द्वार, सहारा तेरा सांवरे।। दुनिया ने मारा है हमको ताना, दर पे खड़ा है तेरा दीवाना, है तेरे भरोसे मेरा कारोबार, सहारा तेरा सांवरे।। तुमको ही पूजा तुमको ही चाहा, तुमको ही जाना तुमको ही माना, कि मेरी भी नैया को
सुन श्याम सखा मेरे, जीवन को सरल कर दो, मजधार में जीवन है, थोड़ा तो रहम करदो, सुन श्याम सखा मेरें, जीवन को सरल कर दो।। ना उमर कि सीमा हो, काटो जन्मो का बंधन, तेरे चरणों में बीते, मेरा हर एक श्याम जनम, चरणों से लगाकर श्याम, भक्ति का लहर भर दो, सुन श्याम
साईं नाम की धुन लागी, मन है साईं मतवाला, दिन रात करूँ भक्ति, दिन रात करूँ भक्ति, तू शक्ति देने वाला, साईं नाम की धुन लागी, मन है साई मतवाला।। तू ही मेरा स्वामी हैं, तू ही है मेरा दाता, भक्ति मेरा जीवन है, भक्तो से तेरा नाता, मैं तेरी शरण में हूँ, तू हैं
हम है वृंदावन के वासी, हम राधे राधे गाते है, हम है वृन्दावन के वासी।। श्री राधा राधा कहने से, राधा कृपा बरसाती है, मिल जाते है कुञ्जबिहारी जी, जीवन की प्यास बुझ जाती है, हम भोर भए वृन्दावन की, परिक्रमा रोज लगाते है, हम है वृन्दावन के वासी…. आनंद नहीं वृन्दावन सो, यहाँ बांके