मनमोहना….मनमोहना… कान्हा सुनो ना… तुम बिन पाऊं कैसे चैन… तरसूं तुम्ही को दिन रेन.. छोड़ के अपने काशी- मथुरा आके बसो मोरे नैन यौम बिन पाऊं कैसे चैन…कान्हा… तरसूं तुम्ही को दिन- रैन इक पल उजियारा आये, इक पल अँधियारा छाये, मन क्यूं ना घबराये, कैसे ना घबराये.. मन जो कोई गाना हाँ अपनी राहों
किस से नज़र मिलाऊँ तुम्हे देखने के बाद ◾️ आँखों में ताबे दीद अब बाकी नहीं रहा किससे नज़र मिलाऊँ तुम्हे देखने के बाद… ◾️ सारे देवतों का एहतराम भी मेरी निगाह में है किस किस को सर झुकाऊं, तुम्हे देखने के बाद किससे नज़र मिलाऊँ तुम्हे देखने के बाद… ◾️ है लुत्फ़ बस इसी
आओ श्याम जी कन्हैया नंदलाल जी, मेरे प्राणो से प्यारे गोपाल जी। ◾️ दूर देश की रहने वाली, कैसे तुमको पाऊं कौन सुने या दुखिया मन की, किस को व्यथा सुनाऊँ मेरे प्राण सावँरे प्रीतम, मैं पल पल आस लगाऊं कब आवोगे मेरे जीवन साथी, मैं बलिहारी जाऊं अनजाने में अनजाने को दे बैठी दिल
आप क्या जानो ए श्याम सुन्दर, कैसे तुम बिन जिए जा रहें हैं। तेरे मिलने की उम्मीद लेकर, गम के आंसू पिए जा रहें हैं॥ ये जुदाई सहेंगे श्याम कब तक, बिन दर्शन रहेंगे श्याम कब तक। दुनिया से हो गए हैं बेगाने, तेरा नाम लिए जा रहें हैं॥ आप क्या जानों… श्याम सुन्दर कहाँ
जो तुमको भूल जाए, वो दिल कहां से लाऊं दिल है तो दिल में क्या है, कैसे तुम्हे बताऊँ ◾️ मेरे दिल का राज़ गम है, तू है बेनेयाज़ गम से तुझे अपने दर्दे दिल की क्या दासता सुनाऊं ◾️ नहीं अब रहा भरोसा मदहोश जिंदगी का तेरी याद के नशे में कहीं राह में
जब बिन मांगे मिलता तो बोल के क्या मांगू धन दौलत क्या मांगे मुस्कान है दी तुमने हमे श्याम प्रेमियों की पहचान है दी तुमने जब बिन मांगे मिलता तो बोल के क्या मांगू ◾️ धन दौलत क्या मांगे मुस्कान है दी तुमने हमे श्याम प्रेमियों की पहचान है दी तुमने किस्मत को बनाते हो
दिलवाला रंगरसिया मनबसिया बड़ा प्यारा दिलवाला मतवाला सारे जग का उज्जियारा श्याम सलोने का प्यारा श्रृंगार है, कितना सुन्दर सांवलिया सरकार है। सजा दरबार है की छायी बहार है। ◾️ मोर छड़ी हाथों में विराजे मोर मुकुट सिर पे है साजे। मोर मुकुट सिर पे है साजे-2, कान में कुण्डल गल वैजन्ती हार है॥ कितना
जिनका दिल मोहन की चौखट का दीवाना हो गया इस जहाँ से दूर उनका आशियाना हो गया बोलो श्याम श्याम श्याम-4 ◾️ कर लिया दीदार जिसने सांवले सरकार का बन गया नौकर हमेशा के लिए दरबार का रोज़ मिलने का प्रभु से ये बहाना हो गया इस जहाँ से दूर उनका… ◾️ ना रही परवाह
अपना तो खाटूवाला, ये लीले घोड़े वाला सांवरा, भक्तों का रखवाला, ये मुरली वाला, भगतों का रखवाला अपना तो खाटूवाला, ये लीले घोड़े वाला सांवरा, भक्तों का रखवाला, ये मुरली वाला, भगतों का रखवाला॥ ◾️ श्याम की किरपा से कश्ती तुफानो में तैरती कितनी भी उची हो लहरें कश्ती को ना छेड़ती बन के माझी
रंग बरसे रंग बरसे रंग बरसे रंग बरसे रंग बरसे रंग बरसे रंग बरसे रंग बरसे होली खेले राधा से नंदलाल होली खेले ………….2 ◾️ रंग बरसे रंग बरसे रंग बरसे रंग बरसे होली खेले राधा से नंदलाल होली खेले ………….2 ◾️ सोच रही राधा रानी कैसे रंग श्याम को …2 काले को कैसे कर