जुलम कर डारो, सितम कर डारो। कारे ने कर दियो लाल, जुलम कर डारो।। अरे नज़र मोहन मतवारो, राधा जी करे इशारो। रे नैना सुं करो कमाल, जुलम कर डारो।। सब घेर लियो ब्रज नारी, नखराली गामन वारी। रे के चली गजब की चाल, जुलम कर डारो।। काजल की डिबिया लायी, अंगिया साड़ी पहनाई। मुखड़े
20 Best Khatu Shyam Dhamal lyrics खाटू श्याम जी के भक्तों के लिए ’20 सर्वश्रेष्ठ धमाल भजन मुखड़ा लिरिक्स'” खाटू श्याम के भक्तों का दिल हमेशा उनकी भगवानी में लीन रहता है। और जब फागुन का महीना आता है, तो हर तरफ खाटू श्याम के प्रेमी उनके रंग में डूब जाते हैं। इस खास मौके
Darji Seem De Nishan Manne Khatu Jaana Se दरजी सीम दे निसान, मन्ने खाटू जाणा से, खाटू वाले श्याम धणी से, हेत पुराणा से दरजी सीम दे निसान, मन्ने खाटू जाणा से ॥ कितनो मीटर कपड़ो ल्याऊ, कुणसो ल्याऊ रंग, लहरावे जद आसमान में, दुनिया हो जा दंग, बोल दरजी बोल मन्ने, के के ल्याणा
Falgun Ke Mele Mein Mujhko Bulakar फाल्गुन के मेले में मुझको बुलाकर। बैठा तू भक्तों का जमघट लगाकर। कैसे मिलूं तुमसे श्याम। तू ही बता मेरे श्याम।। कल तेरे चर्चे बाजारों में होंगे। खाटू के रंगीं नजारों में होंगे। फूलों के रथ पे, निकलेगी झांकी। फिर भी ललक मेरी आंखों में होगी। फाल्गुन के मेले
Rang Mat Dare Re Bhajan Lyrics रंग मत डाले रे सांवरिया। म्हारो गुजर मारे रे, रंग मत डारे रे, मैं गुर्जरी नादान, यो गुर्जर मतवालों रे। रंग मत डारे रे। रंग मत डाले रे सांवरिया, म्हारो गुजर मारे रे।। डारो, नहीं डारो, रंग रसिया श्याम रंग रसिया श्याम , मन बसिया श्याम होली खेले तो
जय श्री राम ये भगवा रंग, रंग रंग-3 जिसे देख जमाना हो गया दंग। जिसे ओढ़ के नाचे रे बजरंग। मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग-4 ये भगवा रंग, रंग रंग-3 ये भगवा रंग है ऋषि मुनिओं, और संतो का, हिन्द के वीर बलियो का, और महंतो का, मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग-2 जय
Uma Lahari Bhajan बाँह पकड़ ले साँवरा कहीं छूट ना जाए।। दोहा – मेरे ऐब गुनाह ना, वेख, मेरे बाबा नी मैं, ऐबा नाल… भरपूर। चंगिया नु, हर कोई, गल लांदा नी मेनू ,मंदे, नु कर मंजूर। बाँह पकड़ ले साँवरा कहीं छूट ना जाए। जग माया के इस दरिया में -2 डूब ना
छोटा सा घर हो, घर में हो मंदिर, उसमें तुम्हारा वास रहे। बैठा निहारु,श्याम तुम्हे मैं, रिश्ता हमारा खास रहे। भोर की मीठी-2, किरणों में तुमको जगाऊं। नहलाऊं गंगाजल से, इत्र फुलेल लगाऊं। भगति में कोई, कमी रहे ना, सेवा की तेरी प्यास रहे। बैठा निहारू, श्याम तुम्हें में, रिश्ता हमारा खास रहे। Chhota Sa
सूना-सूना लागे, बृज का धाम। गोकुल को छोड़, चले रे घनश्याम। यमुना रोए, मधुबन रोए, यमुना रोए, रोए कदम की शय्या, भर भर नैना रोए रे गवाले, रोये बृज की गईआं। राह रोक कर, रोए मनसुखा, बिछड़ रहे मोरे श्याम रे। सूना-सूना लागे, बृज का धाम। गोकुल को छोड़, चले रे घनश्याम। बोल सके ना,