यकीन हो पक्का, मन हो सच्चा, ऐसे विश्वास से जब हम आने को तत्पर हैं दरबार में। बालाजी के पावन दरबार में हमें आनंद और शांति की अनुभूति होती है। वहाँ हमें दिव्यता और ध्यान का महसूस होता है, जैसे कि भगवान की प्रत्यक्षता हमारे सामने है। हम प्रणाम करते हैं उनकी आगे, विश्वास के