लेके पूजा की थाली, ज्योत मन की जगा ली, तेरी आरती उतारू भोली माँ। तू जो देदे सहारा, सुख जीवन का सारा, तेरे चरणों पे वारु भोली माँ। ओ माँ… ओ माँ.. धुल तेरे चरणों की लेकर, माथे तिलक लगाया, यही कामना लेकर मैया, द्वारे तेरे मैं आया। रहु मैं तेरा होके, तेरी सेवा में
रहे रहे के अपने आँगन की, सबको याद सताये, होता न कम प्रेम तनिक भी, दूर भले ही जाए, धरती पर आकर प्रभु ने, दिन जो अपने बिताये, कोशिश करके भी रघुवर से, जाते ना होंगे भुलाये। आये थे कभी धरती पे तुम, दिन याद तुम्हे आते होंगे-२ खाते हुए भोजन भीलनी के-२ प्रभु बेर
राधे कृष्ण की ज्योति अलोकिक, तीनों लोक में छाये रही है। भक्ति विवश एक प्रेम पुजारिन, फिर भी दीप जलाये रही है। कृष्ण को गोकुल से राधे को… बरसाने से बुलाय रही है। दोनों करो स्वीकार कृपा कर, जोगन आरती गाये रही है। दोनों करो स्वीकार कृपा कर, जोगन आरती गाये रही है। भोर भये
शनि शिंगणापुर से मेरा भाग खुल गया रे, जादू हो गया रे कैसा जादू हो गया रे। बचपन से सुनता आया शनि की कहानी रे, आज मुझे याद आई अमृत की वाणी रे, सपने में कोई मुझे मंत्र दे गया रे, जादू हो गया रे कैसा जादू हो गया रे। जाग उठा मैं तो लगी
जय जय हे शनि राज देव तेरी जय जय कार, तू ही मेरी सुख शांति है तू ही मेरा आधार। जय जय हे शनि राज देव, तेरी जय जय कार, तू ही मेरी सुख शांति है तू ही मेरा आधार। जय जय हे शनि राज देव तेरी जय जयकार-२ जय जय हे शनि राज देव
धरती गगन में होती है, तेरी जय जयकार। श्लोक – सर्व मंगल मांगल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिके, शरण्ये त्रियमभीके गौरी, नारायणी नमोस्तुते। जय जय शेरावाली माँ, जय जय मेहरवाली माँ, जय जय लाटावाली माँ, जय जय जोतावाली माँ, जय जय लाटावाली माँ, जयकारा शेरावाली दा, बोल साचे दरबार की जय। ◾️धरती गगन में होती है, तेरी
परमेश्वर प्रथमेशा गजानन जगदीशा नमितो तुज आदी देवा हृदयांच्या हे नरेशा एकदंत लंबोदर, कटीस शुभ पितांबर अति पावन, अति सुंदर, तव स्वरूप हे गणेशा विघ्नेश्वर तू विधाता अनुरागी तू अनंता करुणाकर तू कृपाळा, वरदरूप विद्याधीशा
तन मन की सुध विसर गई है, सन्मुख भोले नाथ खड़े है, इक टक सारे देख रहे है, पार्वती जी साथ खड़े है। शिव मंदिर में आ पहुंचे है भक्त तुम्हरे भोर हुए, अद्भुत छवि निराली देख के सब आत्म अभिभोर हुए, छू कर इन पावन चरणों को आनंदित हम और हुए, इक टक सारे
जय जय… ज्योतिर्लिंग जय जय, महाकाल मृत्युंजय जय-२ जय जय… ज्योतिर्लिंग जय जय, महाकाल मृत्युंजय जय-२ शिप्रत उज्जैनी नगरी, पवन तीर्थ धाम जो आए शिव शरण तुम्हारी-२ उसके हो पूर्ण काम-२ जय जय… ज्योतिर्लिंग जय जय, महाकाल मृत्युंजय जय-२ जय जय… ज्योतिर्लिंग जय जय, महाकाल मृत्युंजय जय-२ भसमी को सिंघार सुहाये, भूषण गले भुजंग हो,
मेरी बहना ये राखी की लाज तेरा भईया निभाएगा.. तुझे दिल से कभी ना भुलाएगा, मेरी बहना ये राखी की लाज तेरा भईया निभाएगा। दिन रात देखे मन एक सपना, जब तेरी बारात आएगी अँगना।(x2) हीरे मोती तुझ पे लुटा के(x2) चांद तारों से डोली सजाएगा। मेरी बहना ये राखी की लाज तेरा भईया निभाएगा…