आये थे कभी धरती पर तुमVerified Lyrics 

Aaye The Kabhi Dharati Par Tum

रहे रहे के अपने आँगन की,
सबको याद सताये,
होता न कम प्रेम तनिक भी,
दूर भले ही जाए,
धरती पर आकर प्रभु ने,
दिन जो अपने बिताये,
कोशिश करके भी रघुवर से,
जाते ना होंगे भुलाये।

आये थे कभी धरती पे तुम,
दिन याद तुम्हे आते होंगे-२
खाते हुए भोजन भीलनी के-२
प्रभु बेर याद आते होंगे,
आये थे कभी धरती पे तुम
दिन याद तुम्हे आते होंगे-२

मिलता होगा वो प्रेम कहा,
धरती पे तुम्हे जो मिला प्रभु-२
धोए थे पैर जो केवट ने,
नहाते में याद आते होंगे-२
आये थे कभी धरती पे तुम,
दिन याद तुम्हे आते होंगे-२

वो कौशल्या दशरथ का दुलार,
वो लखन भरत का प्रेम प्यार-२
सो कर सोने की सेज पे भी,
जगते ही याद आते होंगे-२
आये थे कभी धरती पे तुम,
दिन याद तुम्हे आते होंगे-२

इंसान तो क्या जानवर वो भी,
जो अर्पण हो गए थे तुमको-२
मर मिटे आपकी खातिर जो,
वानर वो याद आते होंगे-२
आये थे कभी धरती पे तुम,
दिन याद तुम्हे आते होंगे-२

तेरे चरणों का प्रभु वो जादू,
पत्थर को अहिल्या बना देना-२
धरती पे किये वो चमत्कार,
फुर्सत में याद आते होंगे-२
आये थे कभी धरती पे तुम,
दिन याद तुम्हे आते होंगे-२

तेरे चरणों की रज माथे पर,
सुबह शाम जो अपने लगाते थे-२
वो सीधे साधे भक्त प्रभु,
ह्रदय से नहीं जाते होंगे-२
आये थे कभी धरती पे तुम,
दिन याद तुम्हे आते होंगे-२

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