राधे तू बड़ भागिनी, कोन तपसिया किन। तीन लोग तारन तरन, सो तेरे हाथ हीन॥ एक ना त्यागे दुनियादारी वो मीरा कहलाई। दूजी राधा रानी बनके, श्याम सलोना पाई॥ मुझको भी तू अपनाले, मन वृंदावन बन जाए। मुझमे तू ही बस जाए, और मन तुझमे रम जाए॥ (ओ मेरे कान्हा) (जय जय राधा रमन हरी
एक आस तुम्हारी है, विश्वास तुम्हारा है, अब तेरे सिवा बाबा, कहो कौन हमारा है। एक आस तुम्हारी है, विश्वास तुम्हारा है… फूलों में महक तुमसे, तारों में चमक तुमसे, मेरे बाबा… इतना बता दो कहा तुम नहीं हो, ये सब को पता है की तुम हर कहीं हो, अगर तुम ना होते तो दुनिया
मेरा कोई न सहारा बिन तेरे, गुरुदेव सांवरिया मेरे, मेरा कोई न सहारा बिन तेरे, गुरुदेव सांवरिया मेरे… तेरे बिना मेरा है कौन यहाँ, प्रभु तुम्हे छोड़ मैं जाऊँ कहां, मैं तो आन पड़ा हूँ दर तेरे, गुरुदेव सांवरिया मेरे… मैंने जनम लिया जग में आया, तेरी कृपा से ये नर तन पाया, तूने किये
मुकुट सिर मोर का, मेरे चित चोर का, दो नैना नैना नैना, दो नैना नैना नैना। दो नैना सरकार के, कटीले हैं कटार से, कमल लजाएं तेरी, अँखियों को देख के। भूली घटाएं तेरी, कजरे की रेख पे, मुखड़ा निहार के, सो चाँद गये हार के, दो नैना नैना नैना, दो नैना नैना नैना। दो
ज़रा इतना बता दे कान्हा, तेरा रंग काला क्यों, तू काला होकर भी जग से निराला क्यों॥ मैंने काली रात को जन्म लिया, और काली गाय का दूध पीया, मेरी कमली भी काली है, इसलिए काला हूँ। ज़रा इतना बता दे… सखी रोज़ ही घर में बुलाती है, और माखन बहुत खिलाती है, सखिओं का
भगवन श्री कृष्ण के बड़े घुंगराले बालों को गायिका, बादल के जैसा काले बता रही है। और कृष्ण के सूंदर मुख को देख कर कोई भी उनका दीवाना हो सकता है। कृष्ण में सर पर मोर मुकुट की शोभा देखते ही बनती है और जो मुकुट की लटकनिया है वो भक्तों के मन को हरने
हार की कोई चिंता नहीं, पग-पग होगी जीत, लगी रे मेरी सांवरिया से प्रीत। श्याम श्याम को नगमा गाये ये जीवन संगीत, लगी रे मेरी सांवरिया से प्रीत। मौज से होने लगा गुजारा, बाबा ने हर काम सवारा, सन मुख मिलता खड़ा संवारा, जब जब उसको मन से पुकारा, देता नहीं विश्वास टूटने, खाटू नरेश
बाबा मेरा काम करोगे, बोलो क्या लोगे, सिर पर हाथ धरोगे, बोलो क्या लोगे, छोटी सी है नाव मेरी ओ बाबा जी, इसको पार करोगे, बोलो क्या लोगे, बाबा मेरा काम करोगें, बोलो क्या लोगे।। ये जीवन चार दिन का है, तुम्हारा साथ क्या मांगे, बड़ी छोटी सी जिंदगानी, तुम्हारा हाथ क्या मांगे, लम्बी उम्र
जिसके हृदय में हरि सुमिरण होगा, उसका सफल क्यों ना जीवन होगा, भक्त को भगवान का चिंतन होगा, उसका सफल क्यों ना जीवन होगा॥ सच्ची धारणा से प्रह्लाद ने जो ध्याया था, खम्बे से हरि जी का दर्शन पाया था, कहते है जिसको दर्शन होगा, (कहते है जिसको दर्शन होगा) उसका सफल क्यों ना जीवन
बांके बिहारी तुझे देख के मेरे नैना उलझ गये, नैना उलझ गये मुश्किल में पड़ गये। (बांके बिहारी तुझे देख के मेरे नैना उलझ गये) जब मैं जाऊ पनिया भरन को, सखिया के संग तुझे देख के मेरे नैना उलझ गये। बांके बिहारी तुझे देख के… जब मैं जाऊ यमुना नहाने, चीर चुराते तुझे देख