दोहा – देखो देखो ये भक्ति, ये भक्ति का मार्ग, कहाँ कहाँ से ये पैदल चलके आए है, दुखी है लाचार है दीवाने, तेरे दर्शन की माँ, आस मन में लाए है। जय माँ काली मेरी अम्बे मैया, भक्त तुम्हारे द्वार आ गये है, भटकते भटकते तड़पते तड़पते, चरणों में झोली फैला रहे है, जय
माँ काली तूने कैसी कृपा कर डाली, माँ काली तूने कैसी कृपा कर डाली, माँ काली… नाम तेरा जप्ते जप्ते, मैं तो हुई मतवाली, माँ काली तूने कैसी कृपा कर डाली, माँ काली… काली नहीं तू गौरी है, तूने अपना ये हाल किया… संतानो के मन के काले रंग को, खुद पर डाल दिया… माँ
खडगम चक्र गदेशु चाप परिघन शूलं बुशुंडीम शिरः शंखं संडा धातिम करे स्त्रिनयनम सर्वांगा भूषापतन जय माँ काली जय माँ काली जान चाहे लेनी पड़े जान चाहे देनी पड़े बली हम चढ़ाएंगे जय काली जय काली नाश दुष्ट का करने वाली…2x जय माँ काली जान चाहे लेनी पड़े जान चाहे देनी पड़े बली हम चढ़ाएंगे