कच्चे धागों का ये रिश्ता बन जाता है बचपन से… मरते दम तक साथ निभाये बंध के रक्षा बंधन से… धागों से बांधा, एहसास दिल के रिश्ते का… रिश्ता ये अपना रब की रुबाई। मैं राहु ना मैं तेरे बिना, तू रहे ना तू मेरे बिना(x2) चार दिशाओ जैसी तुम हो, मेरे लिए जरुरी… तुम
राधे कृष्ण की ज्योति अलौकिक, तीनो लोक में छाए रही है॥ भक्ति विवश एक प्रेम पुजारिन, फिर भी दीप जलाये रही है। कृष्ण को गोकुल से राधे को, (कृष्ण को गोकुल से राधे को) बरसाने से बुलाय रही है॥ दोनों करो स्वीकार कृपा कर, जोगन आरती गाये रही है, दोनों करो स्वीकार कृपा कर, जोगन
पूरब से जब सूरज निकले, सिंदूरी घन छाए, पवन के पग में नुपुर बाजे, मयूर मन मेरा गाये। पूरब से जब सूरज निकले, सिंदूरी घन छाए, पवन के पग में नुपुर बाजे, मयूर मन मेरा गाये। मन मेरा गाये, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ
सा-रा-रा होलिका जले, शत्रु राख में मिले हमने जब जब समशिरे, तानी है माय भवानी सन-न-न आंधियां उठे, शत्रु जड़ से मिटे हमने बात यही मन में, ठानी है माय ऐ भवानी हम सब मर्द मेवाड़े, बड़े ख़ुदार हैं अब हर एक दिन स्वराज का, त्योहार है अब ये शीश ना झुके। तेरी लाज हम
हो संवर संवर संवर गयी मैं साँवरिया, कब से खड़ी मैं तोरी अटरिया-२ बीत न जाये ओ रामा सारी उमरिया, हो सँवर सँवर गयी मैं। सँवर गए चाँद सितारे देखो, सँवर गए सारे नज़ारे देखो, देखो गगन पे बन के बदरिया, चमकी तेरी यादों की बिजुरिया। तन को जलाये ठण्डी बयरिया-२ बीत न जाये ओ