तेरा पल पल बीता जाए, तूँ जपले ॐ नमः शिवाय – २ शिव शिव तुम हृदय से बोलो, मन मंदिर का परदा खोलो। अवसर खाली ना जाए, तूँ जपले…. यह दुनिया पंछी का मेला, समझो उड़ जाना है अकेला। तेरा तन यह साथ न जाय, तूँ जपले…. मुसाफिरी जब पूरी होगी, चलने की मजबूरी होगी।
ये हैं शंकर भोले-भाले, दर्शन करलो जी। दर्शन करलो, झोली भरलो, पर उतरलो जी। भोला भाला नाम धरा, पर सब जग से न्यारा है। जटा में गंगा सोहे हैं, मस्तक चन्द उजियारा है। ये हैं सब जग के रखवाले, दर्शन करलो जी।।1।। आक धतूरा खाते हैं तन पे रख रमाते हैं। एक हाथ त्रिशूल लिए
थारा डम डम डमरू बाजे रे, बाजे रे, शिव शंकर कैलाश पति संग गौरां नाचे रे। शंकर नाचे गौरां नाचे नाच रहे गणराई। नंदीगण सुर ताल दे रहे ढोलक झांझ बजाई।।1।। कैलाशी काशी के वासी, अजर अमर अविनाशी। भक्तां का दुख फिरे बांटता, कटे यम की फांसी।।2।। महल अटारी जग ने बांटया, आप बन्या बनवासी।
निराले दूल्हे में, मतवाले दूल्हे में सज रहे भोले बाबा निराले दूल्हे में अरे देखो भोले बाबा की अजब है बात चले हैं संग ले कर के भूतों की बरात सज रहे भोले बाबा निराले दूल्हे में भेस निराला, जय हो, पीए भंग का पायला, जय हो सर जटा चढ़ाये, जय हो, तन भसम लगाए,
लिया नाम जिसने भी शिवजी का मन से, उसे भोले शंकर ने अपना बनाया। खुले उस पे सब द्वार शिव की दया के, जो श्रद्धा से भोले के मंदिर में आया॥ हर हर हर महादेव की जय हो। शंकर शिव कैलाशपति की जय हो॥ चलो शिव शंकर के मंदिर में भक्तो, शिव जी के चरणों
जब से देखा तुम्हे, जाने क्या हो गया, ए भोलेनाथ बाबा मैं तेरा हो गया । तू दाता है तेरा, पुजारी हूँ मैं, तेरे दर का बाबा, भिखारी हूँ मैं ।-2 तेरी चौखट पे दिल, ये मेरा खो गया, ए भोलेनाथ बाबा मैं तेरा हो गया ॥-4 जब से मुझको तेरी, भोले भक्ति मिली, मेरे
शिवाय शिवाय शिवाय शिवाय कान कुण्डल तेरे गले में काला नागा हाथ में त्रिशूल तेरे त्रिशूल पे डमरू साजा सर से बहती गंगा सर पे है तारा चंदा तुझसे है दुनियाँ चलती तू है दुनिया का राजा दू है दुनियाँ का राजा महादेवा महादेवा भूतों के राजा देवों के देवा तू ही अनंत है तू
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय जो शिव को ध्याते हैं, शिव उनके हैं शिव को ना गर्ज कोई, छोटी बड़ी बात से शिव तो हैं खुश होते, भवाना की बात से मानव हैं पाते उसे निश्चय से जप से दानव वरदान लेते बरसों के तप से जो श्रदा दिखाते हैं, जो श्रदा दिखाते हैं
भोर भई अब जागो।।2।। (भोर भई अब जागो ) भोर भई अब जागो भोले।।2।। भोर भई अब जागो भक्त खड़े है द्वार पे तेरे।।2।। अब निद्रा को त्यागो भोर भई अब जागो भोले भोर भई अब जागो, जागो (भोर भई अब जागो, जागो) ओढ़ के सर पे लाल चुनरिया आ गयी उषा रानी कलरब करते
शिव नाम से है जगत में उजाला। हरी भक्तो के है, मन में शिवाला॥ हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ, तीनो लोक में तू ही तू। श्रधा सुमन मेरा, मन बेलपत्री, जीवन भी अर्पण कर दूँ॥ जग का स्वामी है तू, अंतरयामी है तू, मेरे जीवन की अनमिट कहानी है तू। तेरी शक्ति अपार, तेरा