पूरब से जब सूरज निकले, सिंदूरी घन छाए, पवन के पग में नुपुर बाजे, मयूर मन मेरा गाये। पूरब से जब सूरज निकले, सिंदूरी घन छाए, पवन के पग में नुपुर बाजे, मयूर मन मेरा गाये। मन मेरा गाये, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ
जटाधार शिव जटाधार, भोला भंडारी जटाधार, जटा में जिस की गंग विराजे, तेज है माथे चंदा साजे, कान में जिसके कुण्डल साजे, वो करता करता… जटाधार जटाधार शिव जटाधार, भोला भंडारी जटाधार ॐ शिव… गौरा जिसकी जन्मो से दासी, वो भोला है घट घट वासी, जिसके लिए जगत है झांकी, सृष्टि का आधार… जटाधार शिव
दोहा शिव समान दाता नहीं, विपत विदारण हार। लज्या मोरी राखियो, शिव नंदी के असवार॥ शिवजी रम रया पहाड़ा में, गौरा पार्वती के संग। पार्वती के संग शिव, पार्वती के संग॥ शीश पर थाके चाँद बिराजे, गले में सोहे भुजंग। मष्तिष्क पे थाकै जटा बीराजे, ज्यामे रेवे गंग॥ शिवजी रम रया पहाड़ा में… शेर खावे
शिवजी मैं ना होती तो, थाने कुण ब्यावती जी, (थाने कुण ब्यावती जी) थाने कुण ब्यावती जी-२ थाने याद न माखन खाबो, थे तो भांग धतूरा चाबो, थाके तन पर नही कोई गाबो, थाके लारे आयोड़ी लुगाई काई खावती जी। शिवजी मैं ना होती तो, थाने कुण ब्यावती जी, (थाने कुण ब्यावती जी) थाने कुण
भोलेनाथ की दीवानी, गौरा रानी लागे गौरा रानी लागे। शिव संग में विराजी तो, महारानी लागे॥ नमः शिवाय महामंत्र से, भोले को मनाया। सुबह शाम आठों याम, शिवजी को ही ध्याया। गौरा मैया की ये लीला, तो सुहानी लागे, शिव संग में विराजी तो, महारानी लागे, भोलेनाथ की दीवानी, गौरा रानी लागे, शिव संग में
जय हो जय हो शंकरा, (भोलेनाथ शंकरा) आदि देव शंकरा, (हे शिवाय शंकरा) तेरे जाप के बिना, (भोलेनाथ शंकरा) चले ये साँस किस तरह, (हे शिवाय शंकरा) मेरा कर्म तू ही जाने, क्या बुरा है क्या भला तेरे रास्ते पे मैं तो, आँख मूँद के चला तेरे नाम की, जोत ने, सारा हर लिया तमस
ॐ शिव ॐ शिव ॐ शिव ॐ शिव ॐ शिव ॐ शिव रटता जा। नमः शिवाय नमः शिवाय, नमः शिवाय भजता जा॥ शिव शंकर कैलाशपति है, अंग वभूति रमाते है। जटाजूट में गंग बिराजे, गंगाधर को रटता जा॥ …नमः शिवाय भांग धतुरा भोग लागत है, गले सर्पों की माला रे। नंदी की असवारी सोहे, नन्दीश्वर
भोले जपो जपो मन प्यारा मुक्ति मिले मिले छुटकारा तुझको जपना होगा तुझको जपना होगा भोले का जो नाम गाता नहीं है उसके कोई काम आता नहीं है भोले चरण को अगर जो बिसारे लगती नहीं नाव उसकी किनारे तुझको जपना होगा तुझको जपना होगा भोले जपो जपो मन प्यारा मुक्ति मिले मिले छुटकारा ऐसा
दीप धूप पूजन चली शिव भोला भंडारी जाग जाग केलाश के वासी शिव भोला भंडारी… भूखे को अन प्यासे को पानी देताये भोला भर्फानी जिस ने भी वर माँगा ये वर देता बाबा ओ वरदानी आग से खेले खेल निराले ये बाबा विष धारी शिव भोला भंडारी…. शिव की जटा से बेहती है गंगा आँखों