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सरस्वती नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणीVerified Lyrics 

सरस्वती नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणी विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा। माँ शारदे कहाँ तू, वीणा बजा रही है किस मंजु ज्ञान से तू, जग को लुभा रही हैं किस भाव में भवानी, तू मग्न हो रही है विनती नहीं हमारी, क्यों माँ तू सुन रही है हम दीन बाल कब से, विनती सुना रहें हैं चरणों

जय जय देवी, जय जगजननी, जय जय सरस्वती, माईVerified Lyrics 

जय जय देवी, जय जगजननी, जय जय सरस्वती, माई(2) जय जय भवानी, जय शरबानी, जय त्रिभुवन सुखदाई(2) तेरी माया अनंता अपार, जाको को नहीं पारी जय जय देवी, जय जगजननी, जय जय सरस्वती… हस्तकमल मो वीणा बजावे, जा में सब सुर गायी दूजे हाथ विराजत पुस्तक, वेद श्रुति उपजाई जय जय देवी, जय जगजननी, जय