करुणामयी सरकार ने, जीना सिखा दिया, दुनिया की ठोकरों ने तेरे, दर पे ला दिया। करुणामयी सरकार ने, जीना सिखा दिया, दुनिया की ठोकरों ने तेरे, दर पे ला दिया। करुणामई सरकार ने, जीना सिखा दिया। जिसने कभी भी आज तक, सजदा नहीं किया, उसको कृपा ने आपकी, झुकना सिखा दिया, करुणामई सरकार ने, जीना
सामने आओगे या आज भी परदा होगा-२ रोज ऐसा ही अगर होगा तो कैसा होगा-२ सामने आओगे या आज भी परदा होगा। मौत आती है तो आ जाये कोई गम ही नहीं-२ वो भी तो आएगा, जो मेरा मसीहा होगा, सामने आओंगे या आज भी परदा होगा। मैंने मोहन को बुलाया है वो आता होगा-२
सारे तीर्थ धाम आपके चरणों में, हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में। हृदय में माँ गौरी लक्ष्मी, कंठ शारदा माता है, जो भी मुख से वचन कहे, वो वचन सिद्ध हो जाता है। है गुरु ब्रह्मा, है गुरु विष्णु, हे शंकर भगवान आपके चरणो में, हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में। जन्म के दाता मात
पुत नन्द ते यशोदा देया जाया, तेरी कमली ने कमला बनाया। मैं सुणया कुब्जा ते डुल्या, मथुरा जाके गोकुल भुल्या, जैसे उसने की जादू पाया, तेरी कमली ने कमला बनाया। तेरे सिवा मेरा होर ना दर्दी, इक वारि कर श्यामा नज़र मेहर दी, छड दुनिया नु तेरे दर आया, तेरी कमली ने कमला बनाया। आ
गुरुदेव दया करके, मुझको अपना लेना, मैं शरण पड़ा तेरी, चरणों में जगह देना। करुणामई नाम तेरा, करुणा दिखलाओं तुम, सोये हुए भागो को, मेरे बाबा जगाओं तुम, मेरी नाँव भँवर डोले, उसे पार लगा देना, गुरुदेव दया करके, मुझको अपना लेना, मैं शरण पड़ा तेरी, चरणों में जगह देना। तुम सुख के सागर हो,
जी चाहे बार बार तुम्हे देखता रहूँ, ऐ हुस्न के सरकार तुम्हे देखता रहूँ, जी चाहे बार बार तुम्हे देखता रहूँ। आँखों के रास्ते तुम्हे दिल में उतार के, आँखों के रास्ते तुम्हे, दिल में उतार के, हरपल ऐ बांके यार तुम्हे देखता रहूँ, ऐ हुस्न के सरकार, तुम्हे देखता रहूँ, जी चाहे बार बार
मैं राम भजु गुरु को ना बिसारुं, गुरु के संग हरी को ना निहारूं, मैं राम भजुँ गुरु को ना बिसारुं। हरी ने जनम दियो जग माहि, गुरु ने आवागमन छुड़ाई, मैं राम भजुँ गुरु को ना बिसारुं। हरी ने मोह जाल में घेरी, गुरु ने काटी ममता बेड़ि, मैं राम भजुँ गुरु को ना
दोहा – एक दिना मोहे मिल गयो, वह छैला नन्दकुमार, सखी लूट लियो ये दिल मेरो, अखियन में अखियाँ डार। जब से नैन लड़े गिरधर से, मेरी अकल गई बोराय, जाने कैसा जादू डाला, चारो ओर नज़र वो आए, जब से नैन लड़े गिरधर से। वृन्दावन की कुञ्ज गलिन में, जबसे देखा नन्द का लाला,
छायें काली घटाये तो क्या, तेरे आँचल के नीचे हूँ मैं, आगे आगे वो चलती मेरे, अपनी श्यामा के पीछे हूँ मैं, उसने पकड़ा मेरा हाथ है, फिर डरने की क्या बात है। श्यामा प्यारी मेरे साथ है, फिर डरने की क्या बात है, उसने पकड़ा मेरा हाथ है, मेरी श्यामा की क्या बात है,
तेरे रंग में रंगा ज़माना मिले, मैं जहाँ भी रहूँ बरसाना मिलेx2 सारे जग में तेरा ही तो एक नूर है, मेरा कान्हा भी तुझसे ही मशहूर है, बदकिस्मत है वो जो तुझसे दूर है, तेरे नाम का हर मस्ताना मिले, मैं जहाँ भी रहूँ बरसाना मिलेx2 तेरी रहमत के गीत गाने आया हूँ में,