आ… आ… ओ शंकर मेरे, कब होंगे दर्शन तेरे (ओ शंकर मेरे कब होंगे दर्शन तेरे) जीवन पथ पर शाम सवेरे (जीवन पथ पर शाम सवेरे) छाए हैं घनघोर अँधेरे ओ शंकर मेरे, कब होंगे दर्शन तेरे… मैं मूरख तू अंतर्यामी…x2 मैं सेवक तू मेरा स्वामी (मैं सेवक तू मेरा स्वामी) काहे मुझसे नाता तोड़ा
कन्हैया कन्हैया तुझे आना पड़ेगा आना पड़ेगा, वचन गीता वाला निभाना पड़ेगा.. गोकुल में आया मथुरा में आ छवि प्यारी प्यारी कहीं तो दिखा, अरे सांवरे देख आ के ज़रा सूनी सूनी पड़ी है तेरी द्वारिका.. जमुना के पानी में हलचल नहीं, मधुबन में पहला सा जलथल नहीं, वही कुंज गलियाँ वही गोपिआँ, छनकती मगर
ये है शनि कथा मेरे भाई मेरे बन्धु हो सुनो राजा, करो शनि देव की घर में पूजा, जय जय शनि राज, बोलो जय जय शनि राज। तेज परतापी सूर्य पिता और सोमैया जैसी माता, छः बहनो का शनि लाडला, यम जैसा था भ्राता, ये है शनि कथा मेरे भाई… सूर्य तेज से शनि देव
मेरे प्रभु जानते है बात घट घट की बजाये जा तू प्यारे हनुमान चुटकी, तेरे माथे पर है बेटा तलवार लटकी बजाये जा तू प्यारे हनुमान चुटकी, यहाँ प्रभु है वह चाल किसकी चली, तेरे राम जी के आगे दाल किसकी गली, तूने जानी नहीं लीला नटखट की, बजाये जा तू प्यारे हनुमान चुटकी.. जो
जैकारा शेरोंवाली का बोल सांचे दरबार की जय दुर्गा है मेरी माँ, अंम्बे है मेरी माँ दुर्गा है मेरी माँ, अंम्बे है मेरी माँ…2x ओ बोलो जय माता की, जय हो ओ बोलो जय माता की, जय हो जो भी दर पे आये, जय हो वो खली न जाये, जय हो सब के काम हैं
दोहा: माता जिनको याद करे, वो लोग निराले होते हैं। माता जिनका नाम पुकारे, किस्मत वाले होतें हैं। चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है। ऊँचे पर्वत पर रानी माँ ने दरबार लगाया है। – चलो बुलावा…. सारे जग मे एक ठिकाना, सारे गम के मारो का, रास्ता देख रही है माता, अपने आंख
मोहन प्रेम बिना नही मिलता, चाहे कर लो लाख उपाए, मोहन प्रेम बिना नही मिलता। मिले न यमुना सरस्वती में, मिले न गंग नहाए, प्रेम सरोवर में जब दुबे प्रभु की झलक लो खाए, मोहन प्रेम बिना नही मिलता। मिले न पर्वत में निर्जन में मिले न वन वर्माये, प्रेम भाग घुमे तो प्रभु को
हे जी रे… हे जी रे… हे जी रे… हे रामचंद्र कह गए सिया से, रामचंद्र कह गए सिया से… ऐसा कलयुग आएगा, हंस चुगेगा दाना दुनका, कौआ मोती खाएगा। हे जी रे… सिया ने पूछा भगवन: कलयुग में धर्म-कर्म को कोई नहीं मानेगा? तो प्रभु बोले: धर्म भी होगा कर्म भी होगा, (धर्म भी
यहाँ वहाँ जहाँ तहाँ, मत पूछो कहाँ-कहाँ, है संतोषी माँ! अपनी संतोषी माँ-२ जल में भी थल में भी, चल में अचल में भी, अतल वितल में भी माँ। अपनी संतोषी माँ-२ बड़ी अनोखी चमत्कारिणी, ये अपनी माई राई को पर्वत कर सकती, पर्वत को राई द्धार खुला दरबार खुला है, आओ बहन भाई इस
हे मनवा रे मनवा,, जीवन है संग्राम, हे मनवा रे मनवा, जीवन है संग्राम, भजले राम राम राम, भजले राम राम राम, भजले राम राम राम, भजले राम राम राम, रे मनवा रे मनवा,, जीवन है संग्राम।। ◾️लोक यही परलोक यही है, यही धारा ओर व्योम, यही धारा ओर व्योम, यही पुरातन नारायण, है यही