Tag: Lakhbir Singh Lakha

धूम मची है धूम माँ के दर।

धूम मची है धूम माँ के दर, धूम मची है धूम।। श्लोक – कहीं न चैन मिला, जब हमको इस ज़माने में, तो बड़ा आराम मिला, मैया के दर पे आने में। ◾️धूम मची है धूम माँ के दर, धूम मची है धूम, धूम मची है धूम माँ के दर, धूम मची है धूम, द्वार

माँ शारदे माँ शारदे।

माँ शारदे माँ शारदे, माँ शारदे माँ शारदे, ओ मैया हम तो हैं बालक तेरे माँ, माँ शारदे माँ शारदे।। ◾️तू है दयालु बड़ी, माँ वीणा पाणी, करती दया हो सब पे, अम्बे भवानी, हो मैया विद्या का आके, हमको भी भण्डार दे, माँ शारदे माँ शारदे।। ◾️करदो हमारी आज, माँ पूरी आशा, कब से

तेरे दर पे माँ जिंदगी मिल गई है।

तेरे दर पे माँ, जिंदगी मिल गई है, मुझे दुनिया भर की, ख़ुशी मिल गई है, तेरे दर पे माँ, जिंदगी मिल गई है।। ◾️जमाने से जो ना मिला, तुमसे पाया, भटकता हुआ जब मै, तेरे दर पे आया, जो दिल में थी हसरत, वही मिल गई है, तेरे दर पे मॉ, जिंदगी मिल गई

ये गोटेदार चुनरी आजा माँ ओढ़ के।

ये गोटेदार चुनरी आजा माँ ओढ़ के, मेरे घर आजा माँ तू मंदिर को छोड़ के।। ◾️राम भी आए मैया लक्ष्मण भी आए है, सीता भी आई मईया कुटिया को छोड़ के, ये गोटेदार चुनड़ी आजा माँ ओढ़ के, मेरे घर आजा माँ तू मंदिर को छोड़ के।। ◾️शंकर भी आए मैया पारवती भी आई

सारी दुनिया छोड़ के आया तेरे द्वार।

सारी दुनिया छोड़ के, आया तेरे द्वार माँ, आया तेरे द्वार माँ, कर मेरा उद्धार माँ, जग की पालन हार माँ, मेरी ओर निहार माँ, सारी दुनिया छोड़ के, आया तेरे द्वार माँ।। ◾️मन मेरा चाहे माता, करूँ तेरी नौकरी, दिल मेरा चाहे मैया, करूँ तेरी नौकरी, तेरे चरणों में लगे, रात दिन हाजरी, रखलो

आए मैया के नवराते हो रहे घर घर में जगराते।

आए मैया के नवराते, हो रहे घर घर में, हो रहे घर घर में जगराते, रिझाते मैया को, रिझाए मैया को झूमते गाते, गूंज रही भक्तो की, गूंज रही भक्तो की जय जयकार, सजा है माता का, सजा है माता का दरबार।। ◾️बुलावा जब जब भवन से आए, भेज के चिठियाँ ओए, भेज के चिठियाँ

मात ज्वाला कर उजियाला तेरी ज्योत जगाऊँ तेरे दरबार आके।

मात ज्वाला कर उजियाला, तेरी ज्योत जगाऊँ, तेरे दरबार आके, तेरे दरबार आके, बनके तेरे चरणों का सेवक, मुँह माँगा वर पाऊँ, तेरे दरबार आके, तेरे दरबार आके।। ◾️माँ अम्बे रानिये, कितना प्यारा तेरा धाम है, हर दुःख से दूर है वो, जिसकी जुबां पे तेरा नाम है, मोह माया को, मोह माया को मन

जिनका मैया जी के चरणों से संबंध हो गया।

जिनका मैया जी के, चरणों से संबंध हो गया, उनके घर में आनंद ही, आनंद हो गया, उनके घर में आनंद ही, आनंद हो गया।। ◾️माँ की शक्ति को जो भी, प्रणाम करते, माँ की भक्ति में मन को, जो भी रंगते, माँ की किरपा से तन मन, प्रसन्न हो गया, उनके घर में आनंद

अम्बे अम्बे भवानी माँ जगदम्बे।

अम्बे अम्बे माँ अम्बे अम्बे, अम्बे अम्बे भवानी माँ जगदम्बे।। श्लोक – जिसने वर माँगा, तो वरदान दिया है तुमने, मुर्ख से मुर्ख को भी ज्ञान, दिया है तुमने, पुकारा जिसने भी नाम, तेरा मेरी मैया, उसको संकट में भी, अभय दान दिया है तुमने। ◾️कब से बुलाऊँ मेरे घर आओ माँ, अब तो पहाड़ो

सावन सुहाना आया है।

सावन सुहाना आया है, सावन, संदेसा माँ का लाया है, सावन।। सावन है सुहाना सुहाना सुहाना, दर्शन माँ का पाना है पाना है पाना। सावन सुहाना आया है, सावन, संदेसा माँ का लाया है, सावन, चिंत पुर्णी के द्वार गूंजती, जय जयकार, चिंता पुर्णी के द्वार गूंजती, जय जयकार, भक्तो के मन भाया है, सावन,