Tag: Lakhbir Singh Lakha

दर दर का भटकना छूट गया जबसे माँ तेरा द्वार मिला।

दर दर का भटकना छूट गया, जबसे माँ तेरा द्वार मिला, द्वार मिला, द्वार मिला, आँखों से बहते आंसू रुके, बेटे को माँ का प्यार मिला, प्यार मिला, प्यार मिला।। ◾️मन का हर विकार गया, मिल जो द्वार गया, विपदा दूर भगी, सोइ तक़दीर जगी, मजधार में अटका बेड़ा जो, पल में लगा वो पार

माँ तू ही तू माये तू ही तू।

माँ तू ही तू माये तू ही तू, माँ तू ही तू माये तू ही तू।। ◾️जदो अंबर दी कोई निशानी ना सी, ते हवा विच कीते री रवानी ना सी, किते बद्दल ना बारिश ना पाणी ही सी, बस सिवा तेरे कुछ भी महाराणी ना सी, जद किते कुछ ना सी, रौशनी ते हवा,

उड़ जा काले कावा उड़के मैया के भवन में जाना।

जा उड़ जा कालेया कांवा, उड़ मईया के भवन जाना। मेरे दिल की बातें जा के मां को बतलाना। हो राहें तेरी तकते तकते(एएएए–एएए) हो राहें तेरी तकते तकते, सारी उम्र गुजारी, आजा मां इकबारी आजा, करके शेर सवारी, मेरे घर आ मा..ता, आ दुखड़े मिटा माता-2।। मां आ…….. आओ माँ मां आ…….. आओ माँ ◾️तेरी

नाम तेरा दुर्गे मैया हो गया दुर्गुणों का नाश।

नाम तेरा दुर्गे मैया हो गया, दुर्गुणों का नाश करते करते। श्लोक – तुम्ही को जपते, है जग के प्राणी, ब्रम्हा विष्णु शिव भोले दानी, जगत की विपदा मिटाने वाली, नमोस्तुते माँ अम्बे भवानी, नमोस्तुते माँ अम्बे भवानी। अम्बे भवानी,,, हो ओ, अम्बे भवानी तेरा ध्यान सभी है धरते, नाम तेरा दुर्गे मैया हो गया,

तेरी तुलना किससे करूँ माँ तुमसा और ना कोई।

तेरी तुलना किससे करूँ माँ, तेरी तुलना किससे करूँ माँ, तुमसा और ना कोई, जब जब टुटा मेरा खिलौना, मुझसे पहले तू रोई, तेरी तुलना किससे करूं माँ, तुमसा और ना कोई।। ◾️मेरे हँसने पर हँसती है, रोने पर रोती है, फिर भी मैं ये समझ ना पाया, माँ कैसी होती है, मैं खोया इस

अम्बे मैया तेरी मेहरबानी रहे।

अम्बे मैया तेरी मेहरबानी रहे, फिर तो दुःख की ना नामो निशानी रहे। श्लोक – मौज सबको, नसीब नहीं होती, जिंदगी सबकी, खुशनसीब नहीं होती, पर हो गई जिसपे, मैया की मेहरबानी, जिंदगी उसकी, बदनसीब नहीं होती। ◾️मैया ओ अम्बे मैया, मैया ओ अम्बे मैया, अम्बे मैया तेरी मेहरबानी रहे, फिर तो दुःख की ना

मेरी मैया शेरोवाली है करे भक्तो की रखवाली।

मेरी मैया शेरोवाली है, करे भक्तो की रखवाली है, सब भक्तो मिलकर जय बोलो, शेरावाली की जय बोलो।। श्लोक – नाम जो अम्बे रानी का, मन से प्राणी गाएगा, उसका बेडा भव सागर से, पल भर में तर जाएगा, लाज रखती है भक्तो की, बिन मांगे ही सब पाएगा, और सच्चे मन ऐ ‘लख्खा’, जो

लाल लाल चुनरी सितारों वाली।

लाल लाल चुनरी सितारो वाली, सितारो वाली, जिसे ओढकर आई है, माँ शेरोवाली, जिसको ब्रह्मा ने बनाया, जिसको विष्णु ने सजाया, जिसको भोले ने रंग में रंग डाली, लाल लाल चुनरी सितारो वाली, सितारो वाली, जिसे ओढकर आई है, माँ शेरोवाली।। ◾️रंग चुनरी का शक्ति अपार देता, पाप मन में बसे इसको मार देता, जिसने

आते है हर साल नवराते माता के।

आते है हर साल नवराते माता के, आए नवरात्रे माता के।। श्लोक – चैत महीना और अश्विन मे, आते माँ के नवरात्रे, मुँह माँगा वर उनको मिलता, जो दर पर चल कर आते।। ◾️आए नवरात्रे माता के, आए नवरात्रे माता के, आते है हर साल नवराते माता के, आए नवरात्रे माता के, जय हो नवरात्रे

मुझे रंग दे ओ रंगरेज चुनरिया सतरंगी।

मुझे रंग दे ओ रंगरेज, चुनरिया सतरंगी, चुनरिया सतरंगी, चुनरिया सतरंगी, मैया को जाके ओढ़ाऊँ, चुनरिया सतरंगी।। ◾️एक रंग रंग दे भक्ति का, दूजा रंग रंग दे मुक्ति का, एक रंग रंग दे भक्ति का, दूजा रंग रंग दे मुक्ति का, तीजा रंग रंग दे शक्ति का, तुझको क्या समझाऊं, चुनरिया सतरंगी, मुझे रंग दे