प्रबल प्रेम के पाले पड़ कर प्रभु को नियम बदलते देखा, अपना मान भले टल जाये भक्त मान नहीं टलते देखा.. जिसकी केवल कृपा दृष्टि से सकल विश्व को पलते देखा, उसको गोकुल में माखन पर सौ सौ बार मचलते देखा.. जिस्के चरण कमल कमला के करतल से न निकलते देखा, उसको ब्रज की कुंज
जीने का सहारा तेरा नाम रे मुझे दुनिया वालों से क्या काम रे झूठी दुनिया झूठे बंधन, झूठी है ये माया झूठा साँस का आना जाना, झूठी है ये काया ओ, यहाँ साँचा तेरा नाम रे बनवारी रे … रंग में तेरे रंग गये गिरिधर, छोड़ दिया जग सारा बन गये तेरे प्रेम के जोगी,
तुम रूठे रहो मोहन हम तुम्हे मना लेंगे, अहो मे असर होगा घर बेठे बुला लेंगे॥ तुम कहते है मोहन हमें मधुवन प्यारा है,॥ इक वार तो आ जाओ मघुवन ही बना देंगे॥ तुम रूठे रहो …… तुम कहते हो मोहन हमें माखन प्यारा है॥ इक बार तो आ जाओ माखन ही खिला देंगे॥ तुम
जागो बंसीवारे ललना जागो बंसीवारे ललना जागो मोरे प्यारे.. रजनी बीती भोर भयो है घर घर खुले किवाड़े, गोपी दही मथत सुनियत है कंगना की झनकारे.. उठो लालजी भोर भयो है सुर नर ठाड़े द्वारे . ग्वालबाल सब करत कोलाहल जय जय शब्द उचारे .. माखन रोटी हाथ में लीजे गौअन के रखवारे . मीरा
जो तू मिटाना चाहे, जीवन की तृष्णा, सुबह शाम बोल बंदे कृष्णा कृष्णा कृष्णा, जो तू मिटाना चाहे, जो तू मिटाना चाहे, जो तू मिटाना चाहे, जीवन की तृष्णा, सुबह शाम बोल बंदे कृष्णा कृष्णा कृष्णा, कृष्णा नाम पवन पवन कृष्णा नाम प्यारा प्यारा, जो ना बोले कृष्णा कृशन जाग से वो हरा हरा, मॅन
चोरी माखन की दे छोड़ कन्हीया मैं समझाऊँ तोय, एक लाख गैया नन्द बाबा की नित नित माखन होय, बड़ो नाम है नन्द बाबा का हंसी हमारी होय, चोरी माखन……. बरसाने से तेरी आई रे सगाई रोज बतक्नी होए, बड़े घरन की राधा पबेटी ना ही बनेगी तोय, चोरी माखन….. चाहे माता मोहे मारो पीटो
कृष्णा गोविन्द गोपाल गाते चलो, अपनी मुक्ति का साधन बनाते चलो, दुःख में तड़पो नहीं, सुख में फूलो नहीं, प्राण जाये मगर, नाम भूलो नहीं। मुरली वाले को मन में रिझाते चलो, कृष्णा गोविन्द गोपाल…x2 काम करते चलो, नाम जपते चलो, कृष्ण का कर समय ध्यान करते चलो, जिंदगी के हर इक गम मिटाते चलो
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से आयी हूँ। मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की जाई हूँ॥ अरे रसिया, ओ मन वासिया, मैं इतनी दूर से आयी हूँ॥ सुना है श्याम मनमोहन, के माखन खूब चुराते हो। उन्हें माखन खिलने को मैं मटकी साथ लायी हूँ॥ सुना है श्याम मनमोहन, के गौएँ