दोहा : शरण शरण मैं आपकी, महावीर हनुमान, शरण पड़े को आन उबारों, पवन पुत्र बलवान। टेर : ओ महावीर बजरंगी, मैं आया शरण तिहारी। शरण तिहारी मैं आया हूँ, संग में संकट लाया हूँ, अनजाने में फिरा भटकता, पहले बहुत दुःख पाया हूँ, अब संकट हर ले मेरा, ओ संकट मेटन हारी । ओ
जय जय कपि नायक जन, सुखदायक महावीर बलवाना, जय संकट मोचन भव भय मोचन, मंगल भवन सुजाना ।।1।। जय जय दुःख हारक जन उपकारक, परमानन्द निधाना, जय जय अविनाशी आनंद राशि, पवन तनय हनुमाना ।।2।। जय परम कृपाला नयन विशाला, सुर नर मुनि हितकारी, जय सब गुण सागर दीन-दयाकर, पापन के अघहारी ।।3।। जय अधत
अरे लंका वालो दशानन से कहदो, के हनुमान लंका जला के चला है॥ चुराते हो सीता मैया को छल से, समझ लोबुराई अपनी बाला है। अरे लंका वालो दशानन से कहदो, के हनुमान लंका जला के चला है॥ उजाड़े है मैंने ये बाग़ सारे, संभल जाओ वरना जाओगे मारे, गदा से गिराये दानव हजारो। राम
जिस पर हो हनुमान की कृपा, तकदीर का धनी वो नर है, रखवाला हो मारुती नंदन, फिर किस बात का डर है, भजन पवन सुत का कीजिये, नाम अमृत का प्याला पीजिये, शीश मुकुट, कान में कुण्डल लाल सिन्दूर सी काया, लाल लंगोटे वाला हनुमंत, माँ अंजनी का जाया, नाश करे दुष्टों का, भक्तों का
आसरो बालाजी म्हने थारो, थे कष्ट निवारो -2 पधारो म्हारे आंगणिये पधारो थारी मैं बुलावा जय जय कार…… सालासर में सज्यो है दरबार अंजनी का लाला दुखियारा दातार थाने जो धेयावे करोथे बेडा पार काटजो घणो यो दुःख म्हारो, थे कष्ट निवारो… पधारो म्हारे आंगणिये पधारो थारी मैं बुलावा जय जय कार॥ सारया हो थे
बजरंग बलि मेरे दाता तेरे द्वार पे जो भी आता उसकी नैया फिर तू ही संभाले भव सागर से पार लगाता बजरंग बलि मेरे दाता तेरे द्वार पे जो भी आता कहलाता है अंजनी पुत्र तू अमंगल को मंगल करता है भुत प्रेत फिर निकट ना आवे नाम तेरा जो गाता है बजरंग बलि मेरे
हो म्हारा सालासर हनुमान, हो सुणलो म्हारी थे पुकार थारी ज्योति जगाई जी, जगाई ओ थारी, ज्योत जगाई जी हो म्हारा सालासर हनुमान।। हो म्हारा सालासर हनुमान, हो सुणलो भक्तों की पुकार थारी ज्योति जगाई जी घणा दिन सु आश लाग रही, मन में चाव हे भारी, आंगनिये पधारो बाबा, बाट उडीका थारी, थारे आया
हमारे बालाजी महराज सभी के कष्ट मिटते है पिलाते राम नाम की बुटी साब को मस्त बनाते है घटा मेहंदीपुर धाम सारे करते जाके परनाम यही है भगतो के सरताज जो बाला जी कहलाते है पिलाते राम नाम की बुटी साब को मस्त बनाते है हमारे बाला जी महराज……… है जिनके प्रेतराज अगवान बेरव कोतवाल
हे बिगड़ी बनाने वाले, मेरी बिगड़ी बनाने वाले-2 ओ दुनिया के रखवाले, बाबा दुनिया के रखवाले थारी जय जय कार है। अंजनी कुमार थारी महिमा अपार है -२ हे बिगड़ी बनाने वाले, बाबा बिगड़ी बनाने वाले-2 थारी जय जय कार है। अंजनी कुमार थारी महिमा अपार है -२ शिव शंकर के अवतारी बाबा-२ पवन सूत
जिनके नाम के सुमिरन से ही बन जाता हर काम, देवो में है देव निराला राम भक्त हनुमान, धुन राम नाम की गाता है सिया राम को मन में बसाता है, सोने जैसी लंका पल में कर डाली श्मशान, देवो में है देव निराला राम भक्त हनुमान, मेहंदीपुर में है धाम गजब, सालासर में है