बालाजी से बड़ो ना, बलवान कोई, मेहंदीपुर के जैसो है,ना धाम कोई।। ◾️आके जो भी अर्जी लगावे, हाथों हाथ ही पर्चो पावे, देर होने को ना अठे काम कोई, देर होने को ना अठे काम कोई, मेहंदीपुर के जैसो है, ना धाम कोई।। ◾️सांचो यो दरबार कुहावे, हेरा फेरी काम ना आवे, चाहे निर्धन हो
एक तमन्ना जीवन की मैँ दर्शन तेरे पा जाऊँ। एक तमन्ना जीवन की मैँ दर्शन तेरे पा जाऊँ। मेरी लगन कम न होगी चाहे कितने ही कष्ट पाऊँ। बाबा दर पे तेरे आऊँ, हर पल तेरे गुण गाऊँ॥ एक तमन्ना… बाबा दर… मैँ भटका जीवन सागर मेँ बजंरग तुझको भुलाया। जब सूझा नहीँ किनारा तो
बाला सा थाने कोण सजाया जी, म्हारे मनड़ो हर लीनो, थारी सूरत मतवारी।। श्लोक – उत्सव आप को आ गयो, खूब सज्यो शृंगार, वीर बजरंगी मैं आपकी, लेउँ नज़र उतार। ◾️बाला सा थाने कोण सजाया जी, म्हारे मनड़ो हर लीनो, थारी सूरत मतवारी, म्हारे मनड़ो हर लीनो, थारी सूरत मतवारी।। ◾️थारे हाथ में घोटा, लाल
बाबा का दरबार सुहाना लगता है, बाबा का दरबार सुहाना लगता है, भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है।। ◾️हमने तो बड़े प्यार से कुटिया बनायीं है, कुटिया में बाबा तेरी मूरत सजाई है, अच्छा हमें तुमको सजाना लगता है, भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है।। ◾️रंग बिरंगे फूलो की लड़िया लगे प्यारी, बालाजी
बजरंग म्हारो सालासर वालो राम का सेवक अंजनी को लालो ज्योत जगावा थारी आज ज्योत जगावा थारी आज ओ बाबा म्हारी अरज सुणो।। ◾️प्रेम से थारी ज्योत जगावा नारियल चूरमो भेंट चढ़ावा थारी करा रे मैं तो मनुहार ओ बाबा म्हारी अरज सुणो।। ◾️आज दरबार में धूम मची है नाच नाच गावा म्हारे मन में
बजरंग बालाजी अंजनी लाला जी तेरा सिंदूरी तन मन भाये तेरे मेहंदीपुर में तेरे सालासर में तेरे भक्तो की बिगड़ी बन जाए बजरंग बालाजी अंजनी लाला जी ◾️ जग ने जाना तू राम का दीवाना मेहंदीपुर प्यारा धाम तेरा तेरे चरणों में अर्पण है बाला तन मन मेरा तेरी भक्ति से तेरी सेवा से सियाराम
बजरंग बाला ने पवन के लाला ने कोटन कोट प्रणाम।। बजरंग बाला ने पवन के लाला ने कोटन कोट प्रणाम भिखारी तेरे द्वार का बजरँग बाला ने पवन के लाला ने कोटन कोट प्रणाम।। ◾️ कैसा कैसा काम राजा राम का बनाया दरिया ने लांघ सूद सीता जी की ल्याया अंजनी का लाड़ला लाड़ला लाड़ला
बजरंग बाला जय हो बजरंग बाला पाँव में घुंगरू बांध के नाचे जपे राम की माला बजरंग बाला जय हो बजरंग बाला।। ◾️ सिया राम ही राम पुकारे हनुमत जाए असुर सब मारे सीता की सुध लेने खातिर सीता की सुध लेने खातिर क्या से क्या कर डाला बजरंग बाला जय हो बजरंग बाला। पाँव
बजरंग बाला जय हो अंजनी के लाला रे-2 जपूँ नाम तिहारो, मोहें लागे अति प्यारो, बाबा दर्शन दे दर्शन दे, बजरंग बाला जय हो अंजनी के लाला रे ओ शंकर सुवन केसरी नन्दन पवनपुत्र बलवान रे ओ राम लखन के काज सवांरे अंजनीपुत्र महान रे तीन लोक में महीमा तेरी गावे सब संसार रे बजरंग
बजरंग बलि मेरी नाव चली मेरी नाव को पार लगा देना संताप ह्रदय का मिटा देना बजरंग बलि मेरी नाव चली।। मै दास तो आपका जन्म से हूँ बालक और शिष्य भी धर्म से हूँ निर्लज्ज विमुख निज कर्म से हूँ चित से मेरा दोष भुला देना बजरंग बलि मेरी नाव चली।। दुर्बल गरीब और