परमेश्वर प्रथमेशा गजानन जगदीशा नमितो तुज आदी देवा हृदयांच्या हे नरेशा एकदंत लंबोदर, कटीस शुभ पितांबर अति पावन, अति सुंदर, तव स्वरूप हे गणेशा विघ्नेश्वर तू विधाता अनुरागी तू अनंता करुणाकर तू कृपाळा, वरदरूप विद्याधीशा
गजानंद नाव मेरी पड़ी मजधार है, गजानंद नाव मेरी पड़ी मजधार है, तू ही खिवैया जग का तू ही पतवार है, गजानन्द नाव मेरी पड़ी मजधार है।। तुम ही रिद्धि सिद्धि के दाता, गजानंद पार करना, नाव है बिच भंवर में, मेरा उद्धार करना, अब तो तेरे भरोसे हो ओ ओ, मेरा परिवार है, गजानन्द
गजानंद तुम्हारे चरणों में, एक प्रेम पुजारी आया है, गजानंद तुम्हारे चरणों में, एक प्रेम पुजारी आया है, एक प्रेम पुजारी आया है, तेरे द्वार भिखारी आया है।। मेरे हाथो में फूलो की माला है, ये तुझे पहनाने आया है, गजानंद तुम्हारे चरणो में, एक प्रेम पुजारी आया है।। मेरे हाथो में जल का लौटा
गजमुख धारी जिसने तेरा सच्चे मन से जाप किया, ऐसे पुजारी का स्वयं तुमने सिध्द मनोरथ आप किया॥ तुझ चरणों की ओर लगन से, जो साधक बन जाता है, सौ क़दम तु चलके दाता, उसको गले लगाता है, अंतरमन के भाव समझ के, काज सदा चुपचाप किया, गजमुख धारी जिसने तेरा सच्चे मन से जाप
ओ संसार बनाने वाले, तेरे जलवे अजब निराले खूब कमाल किया है तूने सब को अचरज में है डाले ओ संसार बनाने वाले……… आसमान पर पानी का कहीं मिलता निशां नहीं, मिलता निशान नहीं है, पल में तेरी माया बदले फिर अनुमान नहीं है, फिर अनुमान नहीं है, आए बादल काले –पीले, उमड़ –घुमड़ कर
श्लोक – विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय, लम्बोदराय सकलाय जगत हिताय, नागाननाय श्रुतियज्ञभूषिताय, गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते।। ओ मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे, भोले बाबा जी की आँखों के तारे, देवा सभा बीच में आ जाना_आ जाना मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे।। तेरी काया कँचन कँचन, किरणों का है जिसमे बसेरा, बाबा सूंड-सुंडाली मूरत, तेरी आँखों मे
आया हूँ तेरे द्वार पे मैँ सवाली बनके। आया हूँ तेरे द्वार पे मैँ सवाली बनके। मेरी झोली को तू भरना ऽऽऽ लखदातार बनके॥ आया हूँ … मेरे बाबा मेरे दाता मेरे संग मेँ सदा ही रहना। बदलेगी ये दुनिया पर तुम ना बदलना। नैया मेरी पार करना खेवनहार बनके॥1॥ मेरी झोली … आया हूँ