खोलो ह्रदय के ताले मैया जी मेरा भाग लिख दो। मईया जी मेरा भाग लिख दो-२ खोलो ह्रदय के ताले मैया जी मेरा भाग लिख दो। पहला भाग मेरे माथे पे लिख दो, माथे पे लिख दो माँ माथे पे लिख दो, शीश झुकाऊ मैं बारम्बार, मैया जी मेरा भाग लिख दो, खोलो ह्रदय के
लेके पूजा की थाली, ज्योत मन की जगा ली, तेरी आरती उतारू भोली माँ। तू जो देदे सहारा, सुख जीवन का सारा, तेरे चरणों पे वारु भोली माँ। ओ माँ… ओ माँ.. धुल तेरे चरणों की लेकर, माथे तिलक लगाया, यही कामना लेकर मैया, द्वारे तेरे मैं आया। रहु मैं तेरा होके, तेरी सेवा में
माता रानी करेगी बेडा, कर ले भगतो का कल्याण, अपने बच्चों का कल्याण, माता रानी करेगी बेडा… एक तरफ भगवान खड़े हो एक तरफ माँ प्यारी, पहले माँ माता को पूजूँ फिर भगवान् की बारी, सब जपे हे तेरा नाम करे भगतो का कल्याण, माता रानी करेगी बेडा… ब्रह्मा विष्णु शिव शंकर जी माँ को
कोठे ऊपर कोठरी मैया का भवन सजा दूंगी, जो मेरी मैया टिका माँगे बिंदी और लगा दूंगी, जो मेरी मैया पैहर के निकलै जयकारा लगा दूंगी, कोठे ऊपर कोठरी मैया का भवन सजा दूंगी॥ जो मेरी मैया कुंडल माँगे नथनी भी पैहरा दूंगी, जो मेरी मैया पैहर के निकलै जयकारा लगा दूंगी, कोठे ऊपर कोठरी
मातारानी का दरबार सजाया है, दूर दूर से भक्तों को बुलाया है, दुख को हरे झोली भरे, दयालू है मेरी माँ, माता रानी का दरबार सजाया है, दूर दूर से भक्तों को बुलाया है। आई दुनिया त्याग के, मैया की शरण में, सच्चा सुख और चैन है, मैया के चरण में, सेवा करूँ दिन रात
दाती दे द्वारे दुख बोलां ना ता की करा, (दाती दे द्वारे दुख बोलां ना ता की करा) कर्म कडें पाप पुन्य तोलां ना ता की करां, दाती दे द्वारे दुख बोलां ना ता की करा। ऐसे दा भरोसा मैनु ऐसे दा सहारा ऐ, ऐदे वाजो मेरा इक पल ना गुजारा ऐ, ऐदे अगे भेद
तेरा करके दीदार आज जाना, के भूहे दाती बंद ना करी। तेरा करके दीदार आज जाना, के भूहे दाती बंद ना करी। तेरे नाम विच रंग लिया बाना, के भूहे दाती बंद ना करी। नाम विच तेरे संग मन रंग लिया ए, दूध पुत तेथो सब कुज मंग लिया ए, ओ बेड़ा भगता दा पार
मन लेके आया माता रानी के भवन में, बड़ा सुख पाया बड़ा सुख पाया, माता रानी के भवन में, जय जय माँ, अम्बे माँ, जय जय माँ, जगदम्बे माँ मैं जानू वैष्णव माता, तेरे ऊँचे भवन की माया। भैरव पर क्रोध में आके माँ तूने त्रिशूल उठाया। वो पर्बत जहां पे तूने शक्ति का रूप
नौ नौ रूप मैया के तो, बड़े प्यारे लागे-२ सबसे प्यारे माँ के, भवनो के नजारे लागे, सबसे प्यारे माँ के, भवनो के नजारे लागे॥ प्रथम पूज्य है शैलपुत्री, दूजी ब्रम्ह्चारणी, भक्त जनो को भव सागर से, पार उतारनी, तीनो लोको में मैया के-२ जय जयकारे लागे, सबसे प्यारे माँ के, भवनो के नजारे लागे॥
सांचा है तेरा दरबार मैया शेरावाली, ऊँचे ऊँचे पर्वत वाली सचिया सचियाँ ज्योता वाली, तू ही दुर्गा तू ही काली, सांचा है तेरा दरबार मैया शेरावाली। चण्ड और मुंड ने स्वर्ग को गेरा और उत्पात मचाया, देवता सारे शरण में आये मईया तुम को मनाया, रोदर रूप माँ तुमने धारा चण्ड और मुंड को तुमने