कभी दुर्गा बनके कभी काली बनके चली आना मैया जी चली आना तुम दुर्गा रूप में आना-2 सिंग साथ ले के चक्कर हाथ लेके चली आना मैया जी चली आना कभी दुर्गा बनके कभी काली बनके चली आना मैया जी चली आना तुम काली रूप में आना-2 खप्पेर हाथ लेके योगी साथ लेके चली आना
तेरे बिन झूठा है ए संसार माता झूठे रिश्ते सारे झूठा परिवार माता सब मतलब दे साथी इथे कोई ना मेरा है जो साथ निभावे गा तेरे बिन केह्दा है घरजा दे नाल करदे लोकी प्यार माता तेरे बिन झूठा है ए संसार माता……. इथे विषय विकारा दे बड़े चमेले ने सब मोह माया दे
तूने काम बना दिए सारे, खुश के दिए उजियारे.. हम लख लख तेरा शुकराना करदे…. नाम तेरे ने मेरी लाज रख ली, कृपा की मिठास फिर आज चख ली, तेरे गूंज रहे जयकारे, हम लख लख तेरा… तूने काम बना दिए सारे, हम लख लख तेरा…. खुश के दिए उजियारे, हम लख लख तेरा… जय
भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे… 2 हो रही जय जय कार मंदिर विच आरती जय माँ । हे दरबारा वाली आरती जय माँ, ओ पहाड़ा वाली आरती जय माँ काहे दी मैया तेरी आरती बनावा… 2 काहे दी पावां विच बाती मंदिर विच आरती जय माँ । सुहे चोले वाली आरती जय माँ,
करुणा का है रूप भगवती, माँ की महिमा अनुपम है -2 अष्ट भुजी जगदम्बे माता सर्व श्रेठ सरवोत्तम है करुणा का है रूप भगवती, माँ की महिमा अनुपम है सब का करती पालन तू माँ सबको करती प्यार आपार माँ तेरु गरिमा निराली करे बच्चो को भव से पार जिसने जाना तुझे हर्दय से करती
जैकारा शेरोंवाली का बोल सांचे दरबार की जय दुर्गा है मेरी माँ, अंम्बे है मेरी माँ दुर्गा है मेरी माँ, अंम्बे है मेरी माँ…2x ओ बोलो जय माता की, जय हो ओ बोलो जय माता की, जय हो जो भी दर पे आये, जय हो वो खली न जाये, जय हो सब के काम हैं
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥ शशि ललाट मुख महाविशाला। नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥ रूप मातु को अधिक सुहावे। दरश करत जन अति सुख पावे॥1॥ तुम संसार शक्ति लै कीना। पालन हेतु अन्न धन दीना॥ अन्नपूर्णा हुई जग पाला। तुम ही आदि सुन्दरी
माँ वीणा पानी हो, विद्या वरदानी हो, मेहरो वाली हो, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, अपने भक्तो की, अपने बच्चो की तुम रखवाली हो, मेरी माँ, ओ माँ।। ◾️नाम है जितने माता तुम्हारे, एक रूप के हे जगदम्बे, रूप अनेको सारे, शारदे माँ हो तुम, लक्ष्मी माँ हो तुम, कहीं पे काली