तू राम भजन कर प्राणी, तेरी दो दिन की जिन्दगानी।Verified Lyrics  

Tu Ram Bhajan Kar Prani Teri Do Din Gi Jindgani

तू राम भजन कर प्राणी, तेरी दो दिन की जिन्दगानी।
काया-माया बादल छाया, मूरख मन काहे भरमाया॥
उड़ जायेगा साँसका पंछी, फिर क्या है आनी-जानी।
तू राम भजन कर प्राणी…

जिसने राम-नाम गुन गाया, उसको लगे ना दुखकी छाया।
निर्धनका धन राम-नाम है, मैं हूँ राम दिवानी।
तू राम भजन कर प्राणी…

जिनके घरमें माँ नहीं है, बाबा करे ना प्यार।
ऐसे दीन अनथोंका है, राम-नाम आधार॥
मुखसे बोलो रामकी बानी, मनसे बोलो रामकी बानी।
तू राम भजन कर प्राणी…

सजन सनेही सुखके संगी, दुनियाकी है चाल दुरंगी।
नाच रहा है काल शीश पे, चेत-चेत अभिमानी॥
तू राम भजन कर प्राणी, तेरी दो दिन की जिन्दगानी।

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