म्हारा जुना जोशी, राम मिलन कद होसीVerified Lyrics 

Mhara Juna Joshi Ram Milan Kad Hosi

दोहा चार वेद छ: शास्त्रो में, बात मिली है दोय,
दुःख दीन्या दुःख होंत है, सुख दीन्या सुख होय।
राम नाम के आलसी, और भोजन में होशियार,
तुलसी ऐसे मित्र को, मेरा बार बार धिक्कार॥

कबीर कमाई आपणी, कदे न निष्फल जाय,
बोया पेड़ बबूल का, तो आम कहा से खाय।
बोया जब वो आम था, और उग आई बबूल,
बैठेन लागे छाव में, तो चुभन लागी शुल।

म्हारा जुना जोशी, राम मिलन कद होसी,
राम मिलन कद होसी, राम मिलन कद होसी,
मारा जुना जोशी, राम मिलन कद होसी॥

आओ जोशी जी थे, पाट बिराजो,
बाच सुनाओ थारी पोथी जी,
मारा जुना जोशी, राम मिलन कद होसी॥

खीर खांड का जोशी, भोजन जिमावा,
नूत जिमावा थारा गोती,
मारा जुना जोशी, राम मिलन कद होसी।।

आठ भरी को जोशी, बागो सिलवासा,
हीरा जडास्या थारी पोथी,
मारा जुना जोशी, राम मिलन कद होसी।।

बाई तो मीरा के, गिरधर नागर,
राम मिल्या सुख होसी,
मारा जुना जोशी, राम मिलन कद होसी॥

म्हारा जुना जोशी, राम मिलन कद होसी,
राम मिलन कद होसी, राम मिलन कद होसी,
मारा जुना जोशी, राम मिलन कद होसी॥

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