कैकेई के वचन कठोरVerified Lyrics 

Kaikeyi Ke Vachan Kathor

कैकेई के वचन कठोर,
भरत के सुनतहि अंसुआ भर आए,
जननी के वचन कठोर,
भरत के सुनतहि अंसुआ भर आए॥

धागा हो तो तोड़ दूं मैं,
पर वचन न तोड़े जाएं,
भरत के सुनतहि अंसुआ भर आए,
जननी के वचन कठोर,
भरत के सुनतहि अंसुआ भर आए॥

चिठ्ठी जो होती वाच सुनाते,
मोसे करम ना वांचे जाए,
भरत के सुनतहि अंसुआ भर आए,
जननी के वचन कठोर,
भरत के सुनतहि अंसुआ भर आए॥

कुवना जो होता हम पाट देते,
समुद्र ना पाटे जाए,
भरत के सुनतहि अंसुआ भर आए,
जननी के वचन कठोर,
भरत के सुनतहि अंसुआ भर आए॥

कैकेई के वचन कठोर,
भरत के सुनतहि अंसुआ भर आए,
जननी के वचन कठोर,
भरत के सुनतहि अंसुआ भर आए॥

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