दो है काया एक प्राण की, जहाँ राम हैं वहीँ जानकी
Do Hai Kaaya Ek Praan Ki, Jahaan Ram Hain Vahin Jaanaki
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Singer(गायक): साधना सरगम
दो है काया एक प्राण की
जहाँ राम हैं वहीँ जानकी
दो है काया एक प्राण की
जहाँ राम हैं वहीँ जानकी
जहाँ राम हैं वहीँ जानकी
जहाँ राम हैं वहीँ जानकी॥
प्रभु जी आप हैं अंतर्यामी
मन की व्यथा को समझे स्वामी
हे नाथ सुनले अंतर्वाणी
हे नाथ सुनले अंतर्वाणी
साथी बना ले वन-उपवन की
जहाँ राम हैं वहीँ जानकी॥
पति ही छाया पति ही भूषण
पति चरणों में अखण्ड पूजन
पति का संग है नारी जीवन
रीत न टूटे विधि विधान की
जहाँ राम हैं वहीँ जानकी॥
दो है काया एक प्राण की
जहाँ राम हैं वहीँ जानकी
दो है काया एक प्राण की
जहाँ राम हैं वहीँ जानकी
जहाँ राम हैं वहीँ जानकी॥
जनम जनम का है अपना नाता
आप ही मेरे भाग्य विधाता
प्रेम में दुःख भी सुख बन जाता
प्रेम में दुःख भी सुख बन जाता
महिमा न भूले गठ बंधन की
जहाँ राम हैं वहीँ जानकी॥
प्रभु जी आप है अंतर्यामी
मन की व्यथा को समझे स्वामी
हे नाथ सुनले अंतर्वाणी
हे नाथ सुनले अंतर्वाणी
साथी बना ले वन-उपवन की
जहाँ राम हैं वहीँ जानकी॥
पति ही छाया पति ही भूषण
पति चरणों में अखण्ड पूजन
पति का संग है नारी जीवन
रीत न टूटे विधि विधान की
जहाँ राम हैं वहीँ जानकी॥
दो है काया एक प्राण की
जहाँ राम हैं वहीँ जानकी
दो है काया एक प्राण की
जहाँ राम हैं वहीँ जानकी॥