Tag: Sadhna Sargam

देखे अवध हरसा के जनम भयो राम लाला के

अरि मध्य दिवस न मी तिथि ना अति शीत ना घाम ओ ओ कौशल्या के लाल बन प्रकट भए श्री राम॥ अरि देखे अवध हरसा के देखे अवध हरसा के जनम भयो राम लाला के देखे अवध हरसा के जनम भयो राम लाला के देखे अवध हरसा के जनम भयो राम लाला के॥ राम लाला

दो है काया एक प्राण की, जहाँ राम हैं वहीँ जानकी

दो है काया एक प्राण की जहाँ राम हैं वहीँ जानकी दो है काया एक प्राण की जहाँ राम हैं वहीँ जानकी जहाँ राम हैं वहीँ जानकी जहाँ राम हैं वहीँ जानकी॥ प्रभु जी आप हैं अंतर्यामी मन की व्यथा को समझे स्वामी हे नाथ सुनले अंतर्वाणी हे नाथ सुनले अंतर्वाणी साथी बना ले वन-उपवन

आएंगे वो तारण हार बनके तुम्हारे हर लेंगे दुःख

आएंगे वो तारण हार बनके तुम्हारे हर लेंगे दुःख पीड़ा कष्ट ये सारे आएंगे वो तारण हार बनके तुम्हारे हर लेंगे दुःख पीड़ा कष्ट ये सारे॥ आएंगे वो तारण हार…………… छाया है भय का जो घोर अँधियारा छाया है भय का जो घोर अँधियारा उनकी कृपा से होगा उजियारा मुख मलिंग सारे मुख मलिंग सारे