November 16, 2017
भरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं, कपि से उरिन हम नाहीं
Bharat Bhai, Kapi Se Urin Ham Naahin, Kapi Se Urin Ham Naahin
♡
Singer(गायक): अनूप जलोटा
भरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं
कपि से उरिन हम नाहीं
भरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं
◾️ सौ योजन, मर्याद समुद्र की
ये कूदी गयो छन माहीं
लंका जारी,सिया सुधि लायो
पर गर्व नहीं मन माहीं
कपि से उरिन हम नाहीं
भरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं
◾️ शक्तिबाण, लग्यो लछमन के
हाहा कार भयो दल माहीं
धौलागिरी, कर धर ले आयो
भोर ना होने पाई
कपि से उरिन हम नाहीं
भरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं
◾️ अहिरावन की भुजा उखारी
पैठी गयो मठ माहीं
जो भैया, हनुमत नहीं होते
मोहे, को लातो जग माहीं
कपि से उरिन हम नाहीं
भरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं
◾️ आज्ञा भंग, कबहुं नहिं कीन्हीं
जहाँ पठायु तंह जाई
तुलसी दास, पवनसुत महिमा
प्रभु निज मुख करत बड़ाई
कपि से उरिन हम नाहीं
भरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं