Ham laaye hain – तूफ़ान से कश्ती निकाल केVerfied 

Ham Laaye Hain

Song: Ham laaye hain toofaan se
Movie: Jagriti (1954)
Singer: Mohammad Rafi

पासे सभी उलट गए दुश्मन की चाल के
अक्षर सभी पलट गए भारत के भाल के
मंज़िल पे आया मुल्क हर बला को टाल के
सदियों के बाद फिर उड़े बादल गुलाल के

हम लाए हैं तूफ़ान से कश्ती निकाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चों सम्भाल के(२)
तुम ही भविष्य हो मेरे भारत विशाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चों सम्भाल के

हम लाए हैं तूफ़ान से कश्ती निकाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चों सम्भाल के

देखो कहीं बरबाद ना होए ये बगीचा(२)
इसको हृदय के खून से बापू ने है सींचा
रक्खा है ये चिराग़ शहीदों ने बाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चों सम्भाल के

हम लाए हैं तूफ़ान से कश्ती निकाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चों सम्भाल के

दुनिया के दांव पेंच से रखना ना वास्त(२)
मंज़िल तुम्हारी दूर है लम्बा है रास्ता
भटका ना दे कोई तुम्हें धोखे में डाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चों सम्भाल के

हम लाए हैं तूफ़ान से कश्ती निकाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चों सम्भाल के

ऐटम बमों के जोर पे ऐंठी है ये दुनिया
बारूद के एक ढेर पे बैठी है ये दुनिया(२)
तुम हर कदम उठाना ज़रा देख भाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चों सम्भाल के

हम लाए हैं तूफ़ान से कश्ती निकाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चों सम्भाल के

आराम की तुम भूल भूलयां में ना भूलो
सपनों के हिंडोलों पे मगन होके ना झूलो
आराम की तुम भूल भूलयां में ना भूलो
सपनों के हिंडोलों पे मगन होके ना झूलो
अब वक़्त आ गया, मेरे हँसते हुए फूलों
उठो छलाँग मार के आकाश को छूलो
आकाश को छूलो

तुम गाड़ दो गगन पे तिरंगा उछाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चों सम्भाल के
हम लाए हैं तूफ़ान से कश्ती निकाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चों सम्भाल के

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