Ae watan hamko teri kasam – ऐ वतन हमको तेरी क़समVerfied 

Ae Watan Hamko Teri Kasam

गीत: ऐ वतन, हमको तेरी क़सम
मूवी: शहीद(1965)
गायक: मुहम्मद रफ़ी

जलते भी गए, कहते भी गए,
आज़ादी के परवाने,
जीना तो उसी का जीना है,
जो मरना वतन पे जाने।

ऐ वतन, ऐ वतन, हमको तेरी क़सम,
तेरी राहों में जाँ तक लुटा जायेंगे,
फूल क्या चीज़ है तेरे क़दमों पे हम,
भेंट अपने सरों की चढ़ा जायेंगे,
ऐ वतन, ऐ वतन, हमको तेरी क़सम,
तेरी राहों में जाँ तक लुटा जायेंगे, ऐ वतन, ऐ वतन……

कोई पंजाब से, कोई महाराष्ट्र से,
कोई यूपी से है, कोई बंगाल से || 2 ||
तेरी पूजा की थाली में लायें हैं हम,
फूल हर रंग के, आज हर डाल से,
नाम कुछ भी सही, पर लगन एक है,
जोत से जोत दिल की जगा जायेंगे,
ऐ वतन, ऐ वतन, हमको तेरी क़सम,
तेरी राहों में जाँ तक लुटा जायेंगे, ऐ वतन, ऐ वतन……

तेरी जानिब उठी जो कहर की नज़र,
उस नज़र को झुका के ही दम लेंगे हम || 2 ||
तेरी धरती पे है जो, क़दम गैर का,
उस क़दम का निशां तक मिटा देंगे हम || 2 ||
जो भी दीवार आएगी अब सामने,
ठोकरों से उसे हम गिरा जायेंगे,
ऐ वतन, ऐ वतन, हमको तेरी क़सम,
तेरी राहों में जाँ तक लुटा जायेंगे, ऐ वतन, ऐ वतन….

सह चुके हैं सितम हम बहुत गैर के,
अब करेंगे हर एक वार का सामना || 2 ||
झुक सकेगा ना अब सरफरोशों का सर,
चाहे हो खूनी तलवार का सामना || 2 ||
सर पे बांधे कफ़न, हम तो हँसते हुए,
मौत को भी गले से लगा जायेंगे, ऐ वतन ऐ वतन….

जब शहीदों की अर्थी उठे धूम से,
देशवालो तुम आंसू बहाना नहीं,
पर मनाओ जब आज़ाद भारत का दिन,
उस घड़ी तुम हमें भूल जाना नहीं,
लौट कर आ सकें ना जहाँ में तो क्या,
याद बनके दिलों में तो आ जायेंगे,
ऐ वतन, ऐ वतन, हमको तेरी क़सम,
तेरी राहों में जाँ तक लुटा जायेंगे, ऐ वतन, ऐ वतन….

ऐ वतन, ऐ वतन, हमको तेरी क़सम,
तेरी राहों में जाँ तक लुटा जायेंगे,
फूल क्या चीज़ है तेरे क़दमों पे हम,
भेंट अपने सरों की चढ़ा जायेंगे.
ऐ वतन, ऐ वतन, हमको तेरी क़सम,
तेरी राहों में जाँ तक लुटा जायेंगे,
इन्कलाब जिंदाबाद…..|| 4 ||

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