जिसने तुझे भुलाया, उसने है सब गवाया, आयी है जब मुसीबत, कोई न काम आया। दुनिया बनाने वाले, मेरा वजूद क्या है, कर्जे की चंद साँसे, उसपे भी हक़ तेरा है। तूने धड़कने जो छीनी, सब ने किया पराया, जिसने तुझे भुलाया, उसने है सब गवाया। आकर जहाँ में तेरे, तेरे प्यार को न जाना,
ॐ नमः शिवाय ओम नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय शिवाय नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय शिवाय नमः शिवाय, तीन शब्द में दृष्टि सारी, सृष्टि सारी समायी, ॐ नमः शिवाय ओम नमः शिवाय… पर्वत पर्वत क्यों चढ़े नदी पर क्यों जाये, पर्वत पर्वत क्यों चढ़े नदी पर क्यों जाये, जो मिलना है यही है, जिन खोजे
Song: Thare Vaaste Movie: Parmanu Singer: Divya Kumar Lyrics: Vayu Music: Sachin-Jigar जोश में जला, ज़लज़ला चला अब रुकेंगे ना हम, डर मिटा चला सर उठा चला, अब झुकेंगे ना हम-II ओ थारे वास्ते रे माडी रे जान लगा देंगे हम थारे वास्ते रे माडी रे दुनिया हिला देंगे हम जोश में जला, ज़लज़ला चला
नाम तेरे दी चढ़ गई मस्ती, भूल गई सानू अपनी हस्ती, मस्ती दे विच तन मन रंगना, अपनी भूला के हसती, डम डम वजे गुरुआ दा डमरु… सबना दे दुख हरदा जावे, सबदी झोली भरदा जावे, तुसी रहमत वाला दातया, हथ मेरे सिर उते रखया, डम डम वजे गुरुआ दा डमरु… गल्ल विच है हारा
हम तो आए हैं बाबा रूनीचा गांव में प्यार की छाव मे बैठाए रखना रामापीर रामापीर क्या कहूँ मैं बाबा मेरे चाहूँ पाऊं नित दर्शन तेरे गंगा-जमुना-सरस्वती बहे रामदेव आप स्नान करे रामापीर रामापीर तुमने ना जाने यहाँ कितनो को तारा हर कोई लगता यह देखो दिवाना तुम ही से शुरू तुम ही पे कहानी
मन लाग्यो मेरो यार फ़कीरी में .. जो सुख पाऊँ राम भजन में सो सुख नाहिं अमीरी में मन लाग्यो .. भला बुरा सब का सुन लीजै कर गुजरान गरीबी में मन लाग्यो .. आखिर यह तन छार मिलेगा कहाँ फिरत मग़रूरी में मन लाग्यो .. प्रेम नगर में रहनी हमारी साहिब मिले सबूरी में
प्रेमियों की जान लेती है बंदगी इम्तिहान लेती है सरल प्रेम करना निभाना कठिन है बड़ी राह आसान जाना कठिन है किसी को ह्रदय में बसाना कठिन है कहो अपना लेकिन बनाना कठिन है एक दिन बोले मदन मुरारी होव दर्द पेट में भारी रहे अकुलाई के …दवा तो कराओ वैध बुलाई के सुना हाल
होली आई रे कन्हाई, होली आई रे होली आई रे कन्हाई, रंग छलके सुना दे जरा बाँसुरी…..2 बरसे गुलाल रंग मोरे आंगनवा अपने ही रंग में रंग दे मोहे सजनावा हो देखो नाचे मोरा मनवा….2 बरसे गुलाल रंग मोरे आंगनवा, जी मोरे आंगनवा, अपने ही रंग में रंग दे मोहे सजनावा, तोरे कारण घर से
तेरे नाम के पागल हैं, हमें दुनियाँ की परवाह नहीं, तुमको पाके इस जीवन की, अब तो कोई चाह नहीं, तेरे नाम के पागल… श्याम का प्रेमी होना प्यारे छोटी बात नहीं है, श्याम प्रेम से बढ़ के दूजी कोई सौग़ात नहीं है, श्याम प्रेम से बढ़ के जग में कोई सौगात नहीं है, तुमको
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे मन मंदिर की जोत जगा दो, घट घट वासी रे॥ मंदिर मंदिर मूरत तेरी, फिर भी न देखी सूरत तेरी युग बीते ना आई मिलन की पूरनमासी रे॥ द्वार दया का जब तू खोले, पंचम सुर में गूंगा बोले अंधा देखे लंगड़ा चल कर पँहुचे काशी रे॥