लाग्यो बाबे को दरबार मांगल्यो भगतो जी आवे बाबो देवण हार। सालासर में बाबो बैठ्यो, रोज खजानों लुटावे। महंदीपुर में धाक स्यू बाबो, संकट रोज छुडाव। भक्ता के संकट दे काट। मांगल्यो भगतो_2 जी में आवे आज लाग्यो बाबे को दरबार मांगल्यो भगतो जी में आवे बाबो देवण हार। कोई मांगें भक्ति बाबा, कोई मांगें
ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे। खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे। ॐ जय श्री श्याम हरे.. रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे। तन केसरिया बागो, कुंडल श्रवण पड़े। ॐ जय श्री श्याम हरे.. गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे। खेवत धूप अग्नि पर दीपक ज्योति जले। ॐ
अजी मैं तो राम ही राम, भजूँ री मेरे राम… राम ही पार लगावेंगे.. जल थल गगन मण्डल में राम राम ही पार लगावेंगे.. तन मोरा राम, मन मोरा राम तन मोरा राम, मन मोरा राम.. मोरा कण-कण हो.. राम ही राम राम ही पार लगावेंगे। बाहर राम, भीतर राम बाहर राम, भीतर राम.. मोरा
अगर माँ ने ममता लुटाई ना होती, तो ममतामयी माँ कहाई ना होती-२ द्वारे पे आए माँ हमको निहारो, सोई हुई तक़दीर संवारो-२ अगर माँ की ज्योति जलाई ना होती। तो ममतामयी माँ कहाई ना होती-२ अगर मां ने ममता… हमें क्या पड़ी है हम तुम्हे मनाए, हमारा तो हक़ है की हम रूठ जाए-२
ख़याल जब भी तुम्हारा, मेरे श्याम आए, कँपकँपाते हुए लब पे, तुम्हारा नाम आए। जब कभी जिक्र तेरा सुनकर, आँख भर आएं, तेरी तस्वीर से लिपटकर, मुझे आराम आए। बाबा, ओ बाबा,इतनी कृपा मैं तेरी पाता रहूं, तू खाटू बुलाता रहे, और मैं आता रहूँ। बाबा, ओ बाबा, इतनी कृपा मैं तेरी पाता रहूं, तू
म्हारा हाल चाल किंया, मंन में विचारियो-2 कदे भक्ता के गाम बाबा गेड़ो मारियो कदे भक्ता के गाम बाबा गेड़ो मारियो गेड़ो मारियो बाबा गेड़ो मारियो-2 कदे भक्ता के गाम बाबा गेड़ो मारियो। एक मरब्बो बाबा, थारे नाम करायो हैं सूरज सामी थारो, देवरो बनायो हैं। लारा मत दिजो, बात्ता मै ना सारियो -2 कदे
बाबा मेरा काम करोगे, बोलो क्या लोगे, सिर पर हाथ धरोगे, बोलो क्या लोगे, छोटी सी है नाव मेरी ओ बाबा जी, इसको पार करोगे, बोलो क्या लोगे, बाबा मेरा काम करोगें, बोलो क्या लोगे।। ये जीवन चार दिन का है, तुम्हारा साथ क्या मांगे, बड़ी छोटी सी जिंदगानी, तुम्हारा हाथ क्या मांगे, लम्बी उम्र
मैं हिमाचल की बेटी मेरा भोला बसे काशी, सारी उम्र तेरी सेवा करुँगी बनकर तेरी दासी। शम्भू शिव शिव शिव शिव शम्भू शम्भू शिव शिव शिव शिव शम्भू ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने, सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया। बोल बम बोल बम… ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने, सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया। सारा
एक तमन्ना माँ है मेरी, दिल में बसा लूँ सूरत तेरी, हर पल उसीको निहारा करूँ, मईया मईया मुख से उचारा करूँ। रोज सवेरे उठ कर मैया, तुझको शीश नवाऊँ मैं। प्रेम भाव से भांति-भांति का, नित श्रृंगार सजाऊँ मैं। हाथों से आरती उतारा करूँ, मैया-मैया मुख से उचारा करूँ। इस तन से जो काम