कौन काटता राम के बंधन जो हनुमान ना होते

कौन काटता राम के बंधन जो हनुमान ना होते जो हनुमान ना होते कौन काटता राम के बंधन जो हनुमान ना होते।। राम और रावण युद्ध हुआ हनुमान ने रक्षा किन्ही हनुमान ने रक्षा किन्ही लक्ष्मण को शक्ति लागि ला संजीवनी दीन्हि ला संजीवनी दीन्हि कौन बचाता लक्ष्मण जी को जो हनुमान ना होते जो

कितना प्यारा तुझे भक्तोँ ने सजाया जी करे देखता रहूँ।

कितना प्यारा तुझे भक्तोँ ने सजाया कितना प्यारा तुझे भक्तोँ ने सजाया जी करे देखता रहूँ। कितना सोणा तुझे भक्तोँ ने सजाया जी करे देखता रहूँ। तू है दयालु है दाता तू है राम का पुजारी सबसे प्यारा मेरा बाबा है शिव का अवतारी॥ कितना प्यारा तुझे भक्तोँ ने सजाया जी करे देखता रहूँ। मस्तक

रखवाला प्रतिपाला मेरा लाल लंगोटे वाला कदम कदम पर रक्षा करता

रखवाला प्रतिपाला मेरा लाल लंगोटे वाला कदम कदम पर रक्षा करता कदम कदम पर रक्षा करता घर घर करे उजाला रखवाला प्रतिपाला मेरा लाल लंगोटे वाला।। ◾️निशदिन तेरा ध्यान लगाऊं जपूँ आपकी माला धुप दिप नित ज्योत जगाऊँ धुप दिप नित ज्योत जगाऊँ पड़े ना यम से पाला रखवाला प्रति-पाला मेरा लाल लंगोटे वाला।। ◾️मन

ये गर्व भरा मस्तक मेरा प्रभु चरण धूल तक झुकने दे

ये गर्व भरा मस्तक मेरा प्रभु चरण धूल तक झुकने दे, अहंकार विकार भरे मन को, निज नज़्म की माला जपने दे, ये गर्व भरा मस्तक मेरा.. ◾️ मैं मन के मैल को धो ना सका,ये जीवन तेरा हो ना सका, हाँ..हो ना सका,मैं प्रेमी हूँ, इतना ना झुका, गिर भी जो पड़ूँ तो उठने

मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ

मैली चादर ओढ़ के कैसे, द्वार तुम्हारे आऊँ। हे पावन परमेश्वर मेरे, मन ही मन शरमाऊँ॥ ◾️ मैली चादर ओढ़ के कैसे, द्वार तुम्हारे आऊँ। मैली चादर ओढ़ के कैसे तूने मुझको जग में भेजा, निर्मल देकर काया। ◾️ आकर इस संसार मैंने, इसको दाग लगाया। जनम जनम की मैली चादर, कैसे दाग छुड़ाऊं॥ ◾️

ये माँ अंजनी का लाला ये माँ अंजनी का लाला है देव बड़ा बल वाला

ये माँ अंजनी का लाला ये माँ अंजनी का लाला है देव बड़ा बल वाला और ना कोई कर पाया जो वो इसने कर डाला ◾️बालापन में सूरज को जब समझ के फल था मुख लिया बदल दिया था नियम श्रष्टि का दिन में भी था अँधेरा किया विनती करि मिल देवो ने तब मुह

ओ लाल लंगोटे वाले प्रभु तेरे रूप निराले

ओ लाल लंगोटे वाले प्रभु तेरे रूप निराले तेरी मूरत मन को भाये सिंदूरी श्रंगार पे बाबा हम सब बलि बलि जाये ओ लाल लंगोटे वाले प्रभु तेरे रूप निराले।। शिव शंकर के रूद्र रूप में अंजनी घर अवतारे नारायण के रक्षक बनकर उनके कारज सारे राम के काज सवारन को कोई तुमसा नजर ना

मैंने छोड़ा जगत जंजाल, राम गुण गाने लगा

मैंने छोड़ा जगत जंजाल, राम गुण गाने लगा, राम नाम की धुन में बहकर, जीवन सफल बनाने लगा, मैने छोड़ा जगत जंजाल, राम गुण गाने लगा।। ◾️ ये माया है बहता पानी, ना रहे राजा ना रही रानी, हम तुम सब की यही कहानी, यह दुनिया है आनी जानी, नाम राम का सबसे सच्चा, नाम

मैं तो राह बुहारू मेरे राम आएंगे

रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया राम रमैया कब आओगे भक्तन की नगरीय ◾️ मैं तो राह बुहारू मेरे राम आएंगे बैठी बाट निहारु मेरे राम आएंगे मैं तो राह बुहारू मेरे राम आएंगे बैठी बाट निहारु मेरे राम आएंगे ◾️ राम लखन मेरी कुटिया में आएंगे झूठे बेरो का प्रभु भोग लगाएंगे मैं

म्हारा बालाजी सालासर वाला सालासर लाग्यो दरबार बाला थारो प्यार चाहिए।।

म्हारा बालाजी सालासर वाला सालासर लाग्यो दरबार बाला थारो प्यार चाहिए।। ◾️बाबा में चाहु दर्शन थारा थारे बिना अब ना होता गुजारा कबसे पड्यो थारे द्वार बाला थारो प्यार चाहिए म्हारा बालाजी सालासर वाला सालासर लाग्यो दरबार बाला थारो प्यार चाहिए।। ◾️मंदिर में थारी सेवा करूँगा झाड़ू करूँगा तेरा पानी भरूँगा चाहे बीते जनम हजार