रामामृत पद पावन वाणी, राम-नाम धुन सुधा सामानी पावन-पाथ राम-गन-ग्राम, राम-राम जप राम ही राम … 1 परम सत्य परम विज्ञान, ज्योति-स्वरूप राम भगवान। परमानंद, सर्वशक्तिमान राम परम है राम महान … 2 अमृत वाणी नाम उच्चाहरान, राम-राम सुख सिद्धिकारण अमृतवानी अमृत श्री नाम, राम-राम मुद-मंगल -धाम। … 3 अमृतरूप राम-गुण गान, अमृत-कथन राम व्याख्यान
महाकाल बाबा क्षिप्रा किनारे, तुम्हे जल चढ़ाये सवेरे सवेरे, इनकी आरती में जरा चल के देखो, भस्मी रमाये सवेरे सवेरे॥ ◾️सभी तीर्थो में क्षिप्रा बड़ी है, किनारे किनारे जमाते पड़ी है, और देवता भी आते है नहाने, जरा चल के देखो सवेरे सवेरे, महांकाल बाबा क्षिप्रा किनारे, तुम्हे जल चढ़ाये सवेरे सवेरे॥ ◾️हरसिद्धि माँ की
हे मनवा रे मनवा,, जीवन है संग्राम, हे मनवा रे मनवा, जीवन है संग्राम, भजले राम राम राम, भजले राम राम राम, भजले राम राम राम, भजले राम राम राम, रे मनवा रे मनवा,, जीवन है संग्राम।। ◾️लोक यही परलोक यही है, यही धारा ओर व्योम, यही धारा ओर व्योम, यही पुरातन नारायण, है यही
डम डम डमरू बजाओ, कि भोले थोड़ा नाच के दिखाओ। डम डम डमरू बजाओ कि भोले थोड़ा नाच के दिखाओ। नाच के दिखाओ भोले, नाच के दिखाओ, संग संग नन्दी को नचाओ॥ कि भोले थोड़ा नाच के दिखाओ। ◾️घोट के भंगिया हम भर लाये प्याली, पी लो भांग आपकी आँखोँ मेँ छा जाये लाली, भांग
रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया। रघुकुल नंदन कब आओगे, भिलनी की डगरिया॥ मैं शबरी भिलनी की जाई, भजन भाव ना जानु रे। राम तेरे दर्शन के कारण, वन में जीवन पालूं रे। ◾️ चरणकमल से निर्मल करदो, दासी की झोपड़िया॥ रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया। रघुकुल नंदन कब आओगे, भिलनी की
अंत में निकला ये परिणाम, ये परिणाम, राम से बड़ा राम का नाम.. ◾️ सिमरिये नाम रूप बिनु देखे, कौड़ी लगे ना दाम. नाम के बांधे खिंचे आयेंगे, आखिर एक दिन राम. राम से बड़ा राम का नाम.. ◾️ जिस सागर को बिना सेतु के, लांघ सके ना राम. कूद गये हनुमान उसी को, लेकर
मन शिव में ऐसे रमा है। ये भूल गए हम कहा है, सारा जग शिव मय दिखता है, अम्बर शिव धरती उमा है, मन शिव में ऐसे रमा है॥ ◾️जब ध्यान में आते है शिव जी, मुझे अद्भुत शांति मिलती है, में दिखला नही सकता जग को, जो मन में ज्योति जलती है, जब भूल
राम सिया सुन्दर प्रतिछाई। जगमगात मन खम्भन माहि। राम राम राम राम राम राम राम॥ ◾️ मनहुँ मगन रति धरी बहूरूपा। देखत राम बियाहु अनूपा। राम राम राम राम राम राम॥ नयन नीरू हटी मंगल जानि। परिछन कारन मुदित मन रानी। राम राम राम राम राम राम॥ ◾️ वेद बिहित अरु तुलाचारु। कीन्हा फल बिधि
हे भोले शंकर पधारो, बैठे छुप के कहाँ, हे भोले शम्भू पधारो, बैठे छुप के कहाँ, गंगा जटा में तुम्हारी, हम प्यासे यहाँ, महा-सती के पति, मेरी सुनो वंदना, आओ मुक्ति के दाता, पड़ा संकट यहाँ, हे भोले शंकर पधारो बैठे छुप के कहाँ॥ ◾️भगीरथ को गंगा, प्रभु तुमने दी थी, सगर जी के पुत्रों