श्री भागवत भगवान की है आरती, पापियों को पाप से है तारती।। ये अमर ग्रन्थ ये मुक्ति पन्थ, ये पंचम वेद निराला, नव ज्योति जगाने वाला, हरि नाम यही हरि धाम यही, जग में मंगल की आरती, पापियों को पाप से है तारती।। ये शान्तिगीत पावन पुनीत, पापों को मिटानेवाला, हरि दर्श कराने वाला, जे
उस बांसुरी वाले की, लीले घोड़े वाले की..(x2) गोदी में सो जाऊँ, मेरा दिल करता है, श्याम के भजनो में खो जाऊँ।। देखि दुनिया दीवानी, ये मतलब की मस्तानी, बिन मतलब रुख ना जोड़े, यहाँ नित नित नयी कहानी, किस किस को छोड़ू बाबा, किस किस को अपनाऊँ, मेरा दिल करता है, श्याम के भजनो
मेरे बाबा से जिनका सम्बन्ध है उनके घर में आनंद ही आनंद है| डोर जीवन की सौंप बाबा को, बाबा कर देंगे तेरे हर काम को| आ गया जिनको बाबा पसंद है, उनके घर में आनंद ही आनंद है| रिश्ता जिनका बालाजी से हो जायेगा, ज़िंदगी में अभय दान वो पायेगा| जिनकी आँखों में बाबा
रो रो कर श्याम तुम्हे आवाज़ लगाता हूँ, क्यों सुनते नहीं मोहन मैं तुमको बुलाता हूँ। अपने इस सेवक पर इतना ना ज़ुल्म करो, कमज़ोर बड़ा हूँ मैं थोड़ा तो रहम करो। कैसे अब क्या मैं करूँ कुछ समझ ना पाता हूँ, क्यों सुनते नहीं मोहन मैं तुमको बुलाता हूँ। करके कोशिश लाखों आखिर मैं
चलता रहूँ तेरी और सांवरे, मेरा चलता नहीं कोई जोर सांवरे…(2) अठरा क्या अठरासो क्या, अठरा हज़ार चल लूंगा, तेरे लिये मैं सांवरिया, कुछ भी मैं कर दूंगा, मैं नाचू गा बन कर के मोर सांवरे, चलता रहूँ… मुझको है मालूम तू बाबा, रुकने मुझे न देगा, अपने सिवा किसी और के, आगे झुकने मुझे
मिलना हमें तुमसे, ये सोचके आए है। खाली ना लौटाना, विश्वास लाए है। मेरे श्याम…कृपानिधान… सुनो घनश्याम…मेरे श्याम… जग के थपेड़ो ने चोट ऐसी मारी, उजड़ने लगी है बाबा, हस्ती हमारी। हसना हमें है बाबा, बड़े दिन दुःख पाए है। खाली ना लौटाना, विश्वास लाए है। मेरे श्याम कृपानिधान, सुनो घनश्याम मेरे श्याम।। तेरा नाम
हरो विघन सब दूर गजानन्द, गोरी के लाला, अब हरो विघन सब दूर गजानन्द, गोरी के लाला। माथे पर तेरे तिलक बिराजे, सिर पर मुकुट सलोना साजे, शोभा काम निरख कर लाजे, गल मोतियन माला। देख चतुर्भुज रूप तिहारा, हमरे मन में हो उजियारा, भागे दूर विघन अंधियारा, कोटि विघन टाला। मूषक की असवारी सोहे,
ज़रा इतना बता दे कान्हा, तेरा रंग काला क्यों, तू काला होकर भी जग से निराला क्यों॥ मैंने काली रात को जन्म लिया, और काली गाय का दूध पीया, मेरी कमली भी काली है, इसलिए काला हूँ। ज़रा इतना बता दे… सखी रोज़ ही घर में बुलाती है, और माखन बहुत खिलाती है, सखिओं का
Singer Name : singer : अज्ञातप्रेम का धागा, तुमसे बांधा, कभी टूटे ना, चाहे जग रूठे मेरी मैया तू रूठे ना।।टेर।। ना धन दौलत ना ही शोहरत ना ही कोई खज़ाना दिल ये चाहे लगा रहे बस दर पे आना जाना तार जुड़े जी दर पे तेरे कभी टूटे ना।।१।। मोह के बंधन टूट गए
तर्ज़:-हमें तुमसे प्यार कितना ये हम नही जानते… बाबा तीन बाण धारी, बसे खाटू धाम में, आधार है जीवन का, श्याम तेरे नाम में, पीपल के भेदे पत्ते, तूने एक बाण से, न्याय धरम का तुमने, किया सम्मान रे, भूल ना पाएं तेरी, महिमा जहान, कृष्णा के कहने से, दिया शीश दान रे आधार है