आना श्री भगवान हमारे हरी कीर्तन में

आना श्री भगवान हमारे हरी कीर्तन में ||2|| आना सुन्दर श्याम हमारे हरी कीर्तन में ||2|| आना श्री भगवान हमारे हरी कीर्तन में……… ◾️ आप भी आना संग राधा जी को लाना ||2|| आके दरश दिखाना हमारे हरी कीर्तन आना श्री भगवान हमारे हरी कीर्तन में आना सुन्दर श्याम हमारे हरी कीर्तन में आना श्री

एक दिन वो भोला भंडारी बनकर सुन्दर नारी।

एक दिन वो भोला भंडारी, बनकर सुन्दर नारी, गोकुल में आ गए हैं। पार्वती ने मना किया तो, ना माने त्रिपुरारी, बिरज में आ गए हैं।। ◾️पार्वती से बोले भोले, मैं भी चलूँगा तेरे संग मैं, राधा संग श्याम नाचे, मैं भी नाचूँगा तेरे संग में, रास रचेगा ब्रज मैं भारी, मुझे दिखाओ प्यारी, बिरज

मैं चिठिया लिख लिख हारी

मैं चिठिया लिख लिख हारी, कब आओगे बांके बिहारी नाथ कब आओगे, श्याम कब आओगे ◾️ पहले जै श्री श्याम लिखा है फिर चरणों में प्रणाम लिखा है मैंने चिठियों में चिठिया डाली नाथ कब आओगे… ◾️ दूजी चिठ्ठी में यह लिख डाला घर आओ नन्द के लाला तेरे भगतो ने बाट निहारी नाथ कब

काल क्या करेगा महाकाल के आगे।

काल क्या करेगा महाकाल के आगे, कर लूंगा दो दो बात मै उस काल के आगे वो काल क्या करेगा महाकाल के आगे।। ◾️रुतबा है भोलेनाथ का देवो के है अफ़सर, बेठे है समाधी मे वो गौरा के है हर हर, चम चम चमकता चन्द्रमा शिव ढाल के आगे, फ़िके पडे सब हार मुंडमाल के

तुमने बुलाया फिर मुझे

तुमने बुलाया फिर मुझे लो आ गया प्रभु दर्शन दिए है आपने की है दया प्रभु ◾️ राहे थी बंद आपने रस्ते बना दिए सब इंतज़ाम कर दिए बाबा मेरे लिए करजाई फिर से आपका मैं हो गया प्रभु ◾️ चाहोगे जब भी तुम प्रभू आऊंगा मैं ज़रूर दर्शन को नैन बावरे कैसे रहेंगे दूर

अजब है तेरी माया इसे कोई समझ ना पाया।

​ऊँचे ऊँचे मंदिर तेरे, ऊँचा तेरा धाम, हे कैलाश के वासी भोले, हम करते है तुझे प्रणाम। अजब है तेरी माया,इसे कोई समझ ना पाया, गजब का खेल रचाया,सबसे बढ़ा है तेरा नाम, भोलेनाथ भोलेनाथ भोलेनाथ ॥॥ ◾️अद्भुत है संसार यहाँ पर कई भूलेखे है, तरह तरह के खेल जगत मे हमने देखे है, तू है

दर्शन दिखादे मेरे श्याम

दर्शन दिखादे मेरे श्याम, बाबा आन पड़ा हूँ तेरे द्वार पे लाखो की नैया बन के खिवैया तूने पार लगाये मेरी भी नाव डोले खाए हिचकोले मेरे श्याम कन्हाई झूठे सहारे हैं तमाम, बाबा आन पड़ा हूँ तेरे द्वार पे दर्शन दिखा दे मेरे श्याम… ◾️ कब से पुकारूँ, बाट निहारूं मेरी बिगड़ी बना दे

नगर में जोगी आया यशोदा के घर आया।

​नगर मे जोगी आया, भेद कोई समझ ना पाया। ​श्लोक – ऊँचे ऊँचे मंदिर तेरे, ऊँचा है तेरा धाम, हे कैलाश के वासी भोले, हम करते है तुझे प्रणाम। ◾️नगर मे जोगी आया, भेद कोई समझ ना पाया, अजब है तेरी माया, इसे कोई समझ ना पाया, यशोदा के घर आया, सबसे बढ़ा है तेरा

मेरी विनती यही है राधा रानी कृपा बरसाए रखना

मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा बरसाए रखना मुझे तेरा ही सहारा महारानी, चरणों से लिपटाए रखना ◾️ छोड दुनिया के झूठे नाते सारे, किशोरी तेरे दर पे आ गया मैंने तुमको पुकारा ब्रज रानी, जग से बचाए से रखना, कृपा बरसाए रखना… ◾️ इन स्वांसो की माला पे मैं, सदा ही तेरा नाम

तेरे दर पे आया सुदामा भिखारी

आओ कन्हैया, आओ मुरारी, तेरे दर पे आया सुदामा भिखारी॥ तेरे दर पे आया सुदामा पुजारी॥ आओ कन्हैया, आओ मुरारी… ◾️ क्या मैं बताऊँ, क्या मैं सुनाऊँ, एक दुःख नहीं जो मैं मन में छिपाऊँ। घट-घट की जानते हो, तुम सब मुरारी, तेरे दरपे आया सुदामा भिखारी॥ आओ कन्हैया, आओ मुरारी… ◾️ ना तो डगर