तीन बार भोजन भजन एक बारVerified Lyrics 

Tin Baar Bhojan Bhajan Ek Baar

तीन बार भोजन भजन एक बार,
उसमें भी आते हैं झंझट हजार॥

मन मेरा कहता है गंगा नहा आऊँ,
गंगा नहा आऊँ जमुना नहा आऊँ।
जाते-जाते रास्ते में चढ़ गया बुखार॥
उसमें भी आते हैं…

मन मेरा कहता है मन्दिर हो आऊँ,
मंदिर हो आऊँ थोड़ा दर्शन कर आऊँ।
जाते-जाते मंदिर के लग गये किवाड़॥
उसमें भी आते हैं…

मन मेरा कहता है दान कर आऊँ,
दान कर आऊँ थोड़ा पुण्य कमा आऊँ।
महंगाई ज्यादा, बड़ा है, परिवार॥
उसमें भी आते हैं…

मन मेरा कहता है तीर्थ कर आऊँ,
तीर्थ कर आऊँ चारों धाम कर आऊँ।
मांगे नहीं मिलता है पैसा उधार॥
उसमें भी आते हैं…

ॐ मन मेरा कहता है, पूजा कर आऊँ,
पूजा कर आऊँ मैं भजन कर आऊँ।
जपते-जपते माला में आ गये रिश्तेदार॥
उसमें भी आते हैं…

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